अजय अनुराग
(डायरेक्टर, विजडम आईएएस, दिल्ली)
68th BPSC Mains Exam 2023: 68वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा आगामी 12 मई, 2023 से शुरू हो रही है. यह इस बार अभ्यर्थियों के लिए एक बेहद कौतूहल से भरी परीक्षा होगी. असल में, मुख्य परीक्षा के पैटर्न में हुए बदलाव के बाद यह पहली परीक्षा होगी, जिसे चुनौतियों और संभावनाओं दोनों दृष्टि से देखा जाना चाहिए. वैसे तो अब इस परीक्षा की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी होगी, फिर भी अंतिम समय में कुछ बातों का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है, जो इस प्रकार हैं-
-
मुख्य परीक्षा एक लिखित परीक्षा है, अतः इसमें वही बेहतर कर सकता है, जिसे लेखन-कला की अच्छी समझ हो. इसलिए आप क्या और कितना जानते हैं, उससे जरूरी है कि आप कितना सटीक और प्रभावशाली लिखते हैं.
-
लिखने से पहले यह भी ध्यान रखा जाये कि आपका अप्रोच प्रश्नों की मांग के अनुकूल हो. जो पूछा जाये, वही लिखें, न कि जो आप जानते हैं, वह लिखें.
-
इस बार परीक्षा नये पैटर्न पर होगी, जिसमें सामान्य अध्ययन के दोनों पेपर के प्रत्येक खंड का पहला प्रश्न अनिवार्य होगा, यानी आप पहले प्रश्न को नहीं छोड़ सकते. अतः इसे प्रारूप बनाकर लिखने का प्रयास करेंगे.
-
सामान्य अध्ययन के दोनों पेपर के प्रत्येक खंड के अन्य प्रश्नों में विकल्प की सुविधा होगी, अतः बिल्कुल परेशान न हों, आप दो विकल्पों में से एक का उत्तर जरूर लिख लेंगे.
-
शॉर्ट टाइप प्रश्नों को वस्तुनिष्ठ अप्रोच के साथ लिखना है, यानी विश्लेषण कम और विवरण अधिक. इन प्रश्नों की भाषा बेहद सटीक और सुगठित होनी चाहिए, क्योंकि शब्द-सीमा का भी ध्यान रखना है.
-
शॉर्ट टाइप क्वेश्चन सामान्यत: परिचयात्मक होंगे, फिर भी उसमें प्रश्न के महत्व और उसकी प्रासंगिकता को जरूर लिखें.
-
याद रखिये, बीपीएससी मुख्य परीक्षा बिल्कुल सिलेबस आधारित परीक्षा है, अतः सिलेबस से बाहर जाने की जरूरत नहीं. सिलेबस का दामन थामें रखें, दरिया पार कर जायेंगे.
-
बीपीएससी मुख्य परीक्षा के कुछ टॉपिक्स पहले से ही अनुमानित रहते हैं, उन पर नजर रखिये. जैसे- मौर्य काल, पाल कला, पटना कलम, संथाल विद्रोह, बिहार में 1857 बिरसा मुंडा का आन्दोलन, चंपारण सत्याग्रह तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकार, डीपीएसपी, राष्ट्रपति, राज्यपाल, न्यायापालिका आदि.
-
इस बार सबसे बड़ा परिवर्तन 300 अंकों के निबंध का पेपर होगा, जिसमें लगभग 700-800 शब्दों में आपको तीन निबंध लिखने हैं. डरना नहीं है, बल्कि प्रारूप बनाकर लिखना है. निबंध लिखने का गुरु मंत्र है-प्रारूप यानी फॉरमेट बनाकर लिखना और लेखन में विषय पर विचार करते हुए लिखना.
-
अब अंतिम समय में आप टॉपिक्स के केवल नोट्स को देखें. अगर आपके पास नोट्स ना हों, तो आप किसी कोचिंग के नोट्स देख सकते हैं, जो क्रमबद्ध और सिलेबस आधारित हो.
-
मुख्य परीक्षा में पूछे जाने प्रश्नों के पैटर्न और ट्रेंड को समझने के लिए पिछले साल के प्रश्न पत्रों को देखना बेहद जरूरी है. आपको अंदाज़ा होना चाहिए कि कितनी गहराई में तैरना है.
-
कुछ अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के दबाव में आकर अपनी तैयारी से असंतुष्ट रहते हैं और परीक्षा छोड़ने की भी सोचते हैं. याद रखिये, परीक्षा का सिलेबस ऐसा है कि वह कभी भी पूरा नहीं हो सकता, चाहे आपको जितना समय दिया जाये. अपनी तैयारी पर भरोसा रखें और परीक्षा दें.
इस बार सबसे बड़ा परिवर्तन 300 अंकों के निबंध का पेपर होगा, जिसमें लगभग 700-800 शब्दों में आपको तीन निबंध लिखने हैं. डरना नहीं है, बल्कि प्रारूप बनाकर लिखना है. निबंध लिखने का गुरु मंत्र है-प्रारूप यानी फॉरमेट बनाकर लिखना और लेखन में विषय पर विचार करते हुए लिखना.
Also Read: Admission Alert: इस सप्ताह इन संस्थानों में प्रवेश के लिए कर सकते हैं आवेदन