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WB News: अनुब्रत मंडल की काली कमाई के 7 राजदार, मवेशी तस्करी के पैसे खपाने में तृणमूल नेता की मदद की

WB News|अनुब्रत मंडल की काली कमाई के कई राजदार थे. इनमें से 7 लोगों के नाम का ईडी ने खुलासा किया है. ये अनुब्रत के करीबी भी हैं और बेनामीदार भी. इन्होंने मवेशी तस्करी से हुई काली कमाई को सफेद करने में टीएमसी नेता की मदद की.

WB News: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के कद्दावर तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. इसमें कहा गया है कि बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने अपने नौकर, तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों, एक प्राइमरी स्कूल के टीचर और सब्जी विक्रेता की मदद से मवेशी तस्करी से मिले पैसों को खपाया.

ये हैं अनुब्रत मंडल के 7 मददगार

ईडी ने दिल्ली की अदालत में हाल ही में जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें उन सभी बेनामीदारों के नाम का भी जिक्र किया गया है. इसमें यह भी बताया गया है कि ये सभी लोग किसी न किसी रूप में अनुब्रत मंडल के करीबी हैं. इनके नाम बिद्युत बरेन गायेन, बिश्वज्योति बनर्जी, उमर शेख, तापस मंडल, श्यामापद कर्मकार, अर्को दत्ता और बिजॉय रजक हैं.

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अनुब्रत मंडल का घरेलू नौकर था बिद्युत बरेन गायेन

बिद्युत बरेन गायेन पहले अनुब्रत मंडल का घरेलू नौकर हुआ करता था. बिश्वज्योति बनर्जी और उमर शेख दोनों बीरभूम जिला के बोलपुर नगरपालिका के पार्षद हैं. तापस मंडल और श्यामापद कर्मकार तृणमूल कार्यकर्ता हैं. अर्को दत्ता एक प्राइमरी स्कूल में टीचर है, जो पहले तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय कार्यालय में कांट्रैक्ट पर काम कर चुका है. उसने सिविक बॉडी में भी कुछ समय के लिए काम किया था. अंतिम और सातवां व्यक्ति बिजॉय रजक सब्जी विक्रेता है, जिसने अनुब्रत मंडल की बढ़-चढ़कर मदद की.

बिद्युत बरेन गायेन को 15-20 हजार रुपये कैश देता था अनुब्रत

ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बिद्युत बरेन गायेन 1995 तक अनुब्रत का घरेलू नौकर था. बाद में उसे बोलपुर नगरपालिका में ड्राइवर की अस्थायी नौकरी मिल गयी. वर्ष 2017 में उसे स्थायी कर दिया गया. जब वह नगरपालिका में नौकरी कर रहा था, वह अनुब्रत के यहां भी काम कर रहा था. शुरू में उसे 5,000 रुपये पगार मिलती थी. लेकिन, लिवर की बीमारी के बाद वर्ष 2019 में जब उसने अनुब्रत की नौकरी छोड़ी, उस वक्त उसे 15 से 20 हजार रुपये नकद मिला करते थे.

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अनुब्रत की कंपनी में शेयरहोल्डर-डायरेक्टर है बिद्युत बरेन गायेन

केंद्रीय एजेंसी की जांच में पता चला कि अनुब्रत मंडल और उसके परिवार के सदस्यों के द्वारा संचालित कंपनी एएनएम एग्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड और नीर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में बिद्युत बरेन गायेन शेयरहोल्डर सह डायरेक्टर है. मंडल और गायेन के बैंक अकाउंट्स में बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन हुए.

बिश्वज्योति बनर्जी भी था अनुब्रत का बड़ा मददगार

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में उमर शेख के बारे में एजेंसी ने दावा किया है कि वह भी कभी अनुब्रत मंडल के घर में काम करता था. बिश्वज्योति बनर्जी भी अनुब्रत मंडल का बड़ा मददगार था, जो बोलपुर नगरपालिका के 19 नंबरवार्ड का टीएमसी काउंसिलर है. अनुब्रत मंडल के घर में काम करने वाला यह शख्स भी बोलपुर नगरपालिका में कांट्रैक्ट पर काम करता था.

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बिजॉय के जरिये अनुब्रत के घर संदेश भेजा करता था सहगल हुसैन

केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिजॉय रजक के बारे में कहा है कि वह सब्जी विक्रेता के साथ-साथ लाउंड्री सेवाएं भी उपलब्ध करवाता है. अनुब्रत का ड्राइवर सहगल हुसैन इसी बिजॉय के जरिये तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल को उसके घर तक संदेश भेजा करता था.

टीएमसी के दो पार्टी वर्कर भी थे बेनामीदार

बोलपुर के लोकल टीएमसी ऑफिस में काम करने वाला तापस मंडल बिल्डिलंग मटेरियल का बिजनेस करता है. श्यामापद कर्मकार पार्टी के लोकल ऑफिस में काम करता है. चुनाव के दौरान वह पार्टी के प्रचार के लिए नारे आदि लिखता है.

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बैंक के फॉर्म और ब्लैंक चेक पर सहगल हुसैन ने करवाये साइन

ईडी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इन सभी लोगों से कई बैंकों के फॉर्म और ब्लैंक चेक पर साइन कराये गये थे. अनुब्रत मंडल के कहने पर सहगल हुसैन ने ये साइन लिये थे. इसके बाद उपरोक्त सभी लोगों के बैंक अकाउंट में नकद जमा किये जाते थे और उसे अनुब्रत मंडल, उनके परिवार के सदस्यों और सहगल हुसैन के अकाउंट में बाद में ट्रांसफर कर दिया जाता था.

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