7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में हुई वृद्धि अब छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का मुद्दा बन गई है. जी हां. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनाव में इसे भुनाने की कोशिश कर रही है. पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने बृहस्पतिवार (19 अक्टूबर) को कहा कि केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गेहूं सहित छह फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाकर और केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की वृद्धि करके लोगों को दिवाली का तोहफा दिया है. उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी का आभार भी जताया. साथ ही कहा है प्रधानमंत्री मोदी ने राखी के त्योहार पर माताओं, बहनों, बेटियों को गैस सिलेंडर की कीमतें घटाकर राहत दी थी. पीएम ने अब कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है. पूर्व कृषि मंत्री ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला भी बोला. कहा कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्र सरकार कर्मचारियों को लगातार तोहफे दे रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने पांच साल तक राज्य के कर्मचारियों का शोषण किया है. उनका उत्पीड़न किया है.
भूपेश बघेल सरकार ने कर्मचारियों को 4000 करोड़ का बकाया नहीं दिया
भूपेश बघेल के राज में सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं. महंगाई भत्ते के लिए राज्य के कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया है. जब बीजेपी ने कर्मचारियों के हक में दबाव बनाया, तब भूपेश बघेल ने मजबूरी में अपनी जेब खोली और डीए बढ़ाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बघेल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के 4000 करोड़ का बकाया उन्हें नहीं दिया. दूसरी तरफ, जब वे अपना हक मांग रहे थे, तब बघेल सरकार कह रही थी कि हमारी हैसियत नहीं कि हम इतने पैसे का भुगतान कर सकें. साहू ने कहा कि सत्य यही है कि कांग्रेस सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखेबाजी की. अनियमित कर्मचारियों को ठगा और उन पर अत्याचार भी किया.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2018 के अपने जनघोषणा पत्र में प्रदेश में 10 दिनों के अंदर अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. सरकार का पूरा कार्यकाल निकल गया. चुनाव की घोषणा हो गई, लेकिन अभी तक यह सत्यापित नहीं हो पाया कि किन कर्मचारियों को अनियमित कर्मचारी माना जाएगा. चंद्रशेखर साहू ने कहा कि कर्मचारी अपने हक के लिए विरोध सभा, धरना, आंदोलन करते थे, तो सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कर्मचारियों पर झूठे मुकदमे करके उन्हें जेल भेज देते थे. कांग्रेस सरकार यह नहीं चाहती कि उसके खिलाफ कोई आवाज उठाए. कर्मचारी संघ ने हक की आवाज बुलंद की, तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पुलिस को उनके आंदोलन को कुचलने के लिए भेज दिया.