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गढ़वा के विशुनपुरा में 800 बुजुर्ग पेंशन से हुए वंचित, बीडीओ ने बताया फिर से कैसे मिलेंगे पैसे

विशुनपुरा प्रखंड में करीब 800 बुजुर्गों की वृद्धा पेंशन डिलीट हो गयी है. जिनकी पेंशन बंद हो गयी है, वे दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे भी लोग हैं, जिनकी वृद्धा पेंशन आज तक शुरू ही नहीं हुई. ऐसी ही एक महिला है मनवा देवी. 10 वर्ष से पेंशन के लिए ऑफिस-ऑफिस घूम रही है.

By Mithilesh Jha | October 4, 2022 4:49 PM

झारखंड के सुदूरवर्ती जिला गढ़वा (Garhwa District) के विशुनपुरा प्रखंड की विशुनपुरा पंचायत (Bishunpura Panchayat) के संध्या गांव (Sandhya Village) निवासी हैं राजेंद्र यादव. उम्र 71 साल है. पत्नी का नाम अकली देवी है. उम्र 66 साल. इस बुजुर्ग दंपती को चार महीने में कम से कम 8,000 रुपये का नुकसान हो चुका है. बीमारी का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. चश्मा टूट गया. उसमें रस्सी बांधकर पहन रहे हैं, क्योंकि पेंशन (Pension) के पैसे से गुजारा होता था. वह बंद हो गयी है. ऐसे कम से कम 800 लोग हैं, जिनकी पेंशन बंद हो गयी है.

800 बुजुर्गों की वृद्धा पेंशन डिलीट

ऑनलाइन डाटा पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि विशुनपुरा प्रखंड में करीब 800 बुजुर्गों की वृद्धा पेंशन डिलीट हो गयी है. जिनकी पेंशन बंद हो गयी है, वे दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे भी लोग हैं, जिनकी वृद्धा पेंशन आज तक शुरू ही नहीं हुई. ऐसी ही एक महिला है मनवा देवी. 10 वर्ष से पेंशन के लिए ऑफिस-ऑफिस घूम रही है. 75 साल की मनवा देवी के घर में कमाने वाला कोई नहीं है. सरकार से उम्मीद थी कि पेंशन मिलेगी, वह भी नहीं मिल रही है.

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कमाय वाला कोई नइखे: मनवा देवी

विशुनपुरा पंचायत की मनवा देवी (75) कहती हैं कि वह 10 वर्षों से पेंशन के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर काट रही है. वह कहती हैं, ‘घर में कमाय वाला कोई नइखे. पति के मृत्यु हो गइल बा. हमर कोई बाल-बच्चा नइखे, दस साल से दउड़त ही. हमरा पेंशन नइखे मिलत बाबू. कोई नइखे सुनत.’

पड़ोस में भीख मांगती है मनवा देवी

मनवा देवी कहती हैं कि पति के निधन के बाद जीवन यापन का कोई सहारा नहीं रहा. उम्र इतनी हो गयी है कि मेहनत-मजदूरी भी नहीं कर सकती. शरीर पूरी तरह थक चुका है. भूख मिटाने के लिए पड़ोस में भीख मांगती हैं. मनवा देवी ने बताया कि इस उम्र में वृद्धा पेंशन मिले, तो गुजारा हो जाये, लेकिन वो भी नहीं मिल रही है.

चार महीने के 8,000 रुपये भी नहीं मिले

संध्या गांव के राजेंद्र यादव ने बताया कि उनका और उनकी पत्नी अकली देवी की पेंशन बिना फिजिकल वेरिफिकेशन के डिलीट कर दी गयी. पेंशन डिलीट हो जाने के कारण चार महीने का बकाया 8,000 हजार रुपये भी नहीं मिला. उन्होंने कहा कि पति-पत्नी का इलाज पेंशन के पैसे से ही होता था. पेंशन बंद होने के बाद इलाज तो रुक ही गया है, चिंता में बीमारी और बढ़ गयी है.

गढ़वा के उपायुक्त ने दिया था ये निर्देश

पिछले दो माह से बिना फिजिकल वेरिफिकेशन किये 800 से अधिक लोगों के नाम पेंशन की सूची से काट दिये गये. बता दें कि गढ़वा जिला के उपायुक्त ने निर्देश दिया था कि प्रखंड कार्यालय फर्जी पेंशनधारियों की पहचान करके उनके नाम को लिस्ट से डिलीट करें. लेकिन, बुजुर्गों का आरोप है कि बिना कोई सत्यापन किये ही उनकी पेंशन डिलीट कर दी गयी है. फलस्वरूप योग्य लाभुक भी पेंशन से वंचित हो रहे हैं.

ऐसी-ऐसी गड़बड़ियां मिलीं

मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड में राजेंद्र यादव की उम्र 71 वर्ष दर्ज है. ऑनलाइन चेक करने पर उनकी उम्र 63 वर्ष बता रहा है. इसी तरह अकली देवी की उम्र वोटर आईडी व आधार कार्ड में 66 वर्ष है. ऑनलाइन चेक करने पर 45 वर्ष बता रहा है. ऐसी ही गड़बड़ियों की वजह से 800 लोगों की पेंशन डिलीट हुई है. कई फर्जी लोग भी पकड़े गये हैं. राजेंद्र यादव और अन्य का कहना है कि अगर फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया होता, तो योग्य लाभुक पेंशन से वंचित न होते.

आधार और वोटर कार्ड लेकर आयें, शुरू होगी पेंशन: बीडीओ

इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) हीरक मन्ना केरकेट्टा ने कहा कि अगर किसी योग्य लाभुक की पेंशन डिलीट हो गयी है, तो वह आधार कार्ड एवं मतदाता पहचान पत्र लेकर कार्यालय में प्रस्तुत करें. उनकी पेंशन फिर से शुरू हो जायेगी. बता दें कि मनवा देवी ने आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जमा करवा दिया है. उसकी पेंशन भी स्वीकृत हो गयी है.

रिपोर्ट- आशुतोष, विशुनपुरा, गढ़वा

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