झारखंड: 9-15 वर्ष के 8,13,306 बच्चों को मिजिल्स-रूबेला का लगेगा टीका, 12 अप्रैल से शुरू होगा महाअभियान
सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से महाअभियान के तहत बच्चों को एमआर टीका दिया जायेगा. शुरुआत के पहले दो सप्ताह निजी व सरकारी स्कूल में अभियान चलाते हुए नौ से 15 वर्ष के सभी बच्चों को टीका दिया जायेगा.
धनबाद: धनबाद जिले में 12 अप्रैल से मिजिल्स-रूबेला (एमआर) टीकाकरण महाअभियान शुरू होगा. एक माह में नौ से 15 वर्ष के 8,13,306 लाख बच्चों को एमआर टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कोर्ट रोड स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में महाअभियान की जानकारी देते हुए सोमवार को सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से महाअभियान के तहत बच्चों को एमआर टीका दिया जायेगा. शुरुआत के पहले दो सप्ताह निजी व सरकारी स्कूल में अभियान चलाते हुए नौ से 15 वर्ष के सभी बच्चों को टीका दिया जायेगा. इसके अगले चरण में उन बच्चों को टीका देने का लक्ष्य है, जो स्कूल से ड्रॉप आउट है या किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर पा रहे है. उन बच्चों तक पहुंच टीका दिया जायेगा.
घर-घर जाकर दिया जाएगा टीका
अभियान से छूटे बच्चों को चिह्नित कर घर-घर जाकर टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सीएस डॉ आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि मिजिल्स संक्रामक बीमारी के रूप में तेजी से उभर रहा है. साल 2022 में जिले में मिजिल्स के 36 मामले सामने आ चुके है. इनमें से चार बच्चों की मृत्यु बीमारी की चपेट में आने से हो गयी. आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है. टीका ही बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय है. टीका बिल्कुल सुरक्षित है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
मामूली सर्दी व खांसी होने पर भी टीका सुरक्षित : डॉ संजीव
जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार प्रसाद ने बताया कि मामूली सर्दी व खांसी होने की स्थिति में भी बच्चे टीका ले सकते है. आम तौर पर सर्दी, खांसी होने पर अभिभावक बच्चों को टीका देने से रोकते है. ऐसे में उन तमाम लोगों की जानकारी के लिए यह जानना जरूरी है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है.
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कोरोना काल के बाद से मिजिल्स पसार रहा पांव : एसएमओ
एसएमओ अमित तिवारी ने बताया कि साल 2017-18 में धनबाद जिले में एमआर का टीका बच्चों को दिया गया था. इसके बाद कोरोना काल में अभियान रूक गया. इस कारण मिजिल्स तेजी से पांव पसार रहा है. टीका ही इसके रोकथाम का एकमात्र उपाय है.