पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि पंचायत चुनावों में ‘फर्जी मतपत्रों’ का इस्तेमाल किया जा सकता है. गौरतलब है कि विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इससे पहले ‘डबल बैलेट’ के डर की बात कही थी. इस बार भी अधीर के मुंह से लगभग वही शिकायत दोहराई गई है. हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सवाल उठाया कि अगर शिकायत के सबूत हैं तो अधीर चुनाव आयोग या अदालत क्यों नहीं जा रहे हैं ?
अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ‘मतपत्र जोड़े में छापे जा रहे हैं, चुनाव के दिन बूथ से स्ट्रॉन्ग रूम तक ले जाते समय उन मतपत्रों को बदल दिया जाएगा. वे अधिकारी जो मतपत्र छापते हैं, जिनके पास कंप्यूटर की चाबियां हैं, पुलिस को उनकी तलाशी लेनी चाहिए. पुरुलिया में तीन अधिकारियों को उनकी क्षमता, योग्यता के बावजूद बर्खास्त कर दिया गया है. क्योंकि उन्होंने बैलेट यूनिट की चाबी देने से इनकार कर दिया था़
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माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर कई तरह की शिकायत आ रही हैं. इसमें फर्जी मत पत्रों की छपाई का आरोप नया है और लोगों के सामने आया है. यह सच है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी तृणमूल कांग्रेस किसी भी कीमत पर चुनाव जितना चाहती है. ऐसे में फर्जी मतपत्रों की छपाई की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, इसलिए लोगों का दायित्व है कि लोग पहले यह सुनिश्चित करें कि लोग अपना वोट खुद दें. इसके बाद बूथ की सुरक्षा व मतपेटियों की सुरक्षा के साथ स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा. ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए तृणमूल कांग्रेस की ओर से जिस तरह से आतंक का सहारा लिया गया है, वह एक मात्र पुलिस की वजह से संभव हो पाया है.
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हालांकि, मंत्री और तृणमूल नेता फिरहाद हकीत ने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि अधीर मीडिया को यह झटका देकर बचना चाहते हैं कि उनके पास कोई समर्थन नहीं है. हम उनकी तरह हत्या की राजनीति नहीं करते.अधीर के पास काई काम नहीं बचा तभी तो तृणमूल पर आरोप लगाने में जुटे हुए हैं.
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