Bhadrapad Amavasya 2021 Date: आज भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि है. इस अमावस्या को पिठौरी अमावस्या या कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है. इस बार ये अमावस्या तिथि 7 सितंबर दिन मंगलवार यानि आज है.कुशग्रहणी अमावस्या के दिन मंदिरों के दर्शन करने और पवित्र नदी में स्नान करने की मान्यता है.
इस दिन दिन महिलाएं व्रत भी रखती है. वहीं, इस दिन पितरों के लिए तर्पण भी किया जाता है. पिठौरी अमावस्या को पितरों की शांति के लिए उत्तम माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर किसी की कुंडली में कालसर्प योग या कोई अन्य परेशानी है तो उसे भी भाद्रपद अमावस्या के दिन निवारण किया जा सकता है.
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अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष है और किसी कार्य को करने में रुकावटें आ रही हो, तो इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए. आज के दिन तर्पण करने पर पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है और आपके जीवन में आ रही सभी बादाएं दूर हो जाती हैं.
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अगर किसी व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आ रही हैं, तो इस अमावस्या के दिन किसी गौशाला में हरी घास और धन का दान करने पर लाभ मिलेगा.
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भाद्रपद अमावस्या में शनिदेव की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. इस दिन काले तिल, सरसों का तेल और काला कंबल आदि का दान करने पर शनिग्रह शांत होते है.
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भादो अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है. इस दिन मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करने और सरसों के तेल का दीपक जलाने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते है.
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भाद्रपद अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चीनी मिश्रित जल चढ़ाएं और आटे के दीपक में 5 बत्ती लगाकर जलाएं, इसके बाद 7 या 11 बार परिक्रमा करने पर धन लाभ होता है.
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अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग है, तो उन्हें भादो अमावस्या के दिन इसका निवारण करना चाहिए. कालसर्प योग से छुटकारा पाने के लिए चांदी के नाग-नागिनी नदी में प्रवाहित या दान करने पर लाभ होता है.
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भादो मास की अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें. ऐसा करने पर विशेष लाभ मिलता है.