भारत के अभिलाष टॉमी ने अपने साहस से सभी को चौंका दिया है. उन्होंने अकेले ही गोल्डन ग्लोब रेस पूरा कर लिया है. ऐसा करने वाले वह पहले एशियाई और भारतीय बन गये हैं. अपने सफर में उन्होंने एक भी सहयोगी नहीं रखा था. नाविक अभिलाष 30,000 मील गोल्डन ग्लोब रेस को पूरा करने वाले पहले एशियाई बन गये हैं. टॉमी ने शनिवार की सुबह फ्रांस के लेस सेबल्स डी’ओलोने में फिनिश लाइन को पार किया, जिससे महासागरों और महान सीमाओं के आसपास लगभग आठ महीने का दुस्साहसिक अभियान समाप्त हुआ.
घर वापस आने पर उनके परिवार ने राहत की सांस ली, क्योंकि समुद्र में 236 दिनों तक अकेले रहने के बाद नौसेना के दिग्गज ने जमीन पर कदम रखा था. सोलह नाविकों ने ऐतिहासिक गोल्डन ग्लोब रेस के हिस्से के रूप में पिछले साल 4 सितंबर को लेस सैबल्स डी ओलोंने से प्रस्थान किया था. रेस इतनी कठिन है कि प्रवेश करने वाली 16 नावों में से केवल तीन नावें ही इस कठिन परीक्षा से बच पाई. टॉमी की यूएई-पंजीकृत नौका बायनाट उनमें से एक थी.
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गोल्डन ग्लोब रेस जीतने वाली पहली महिला बनने वाली दक्षिण अफ्रीकी नाविक कर्स्टन नेउशफर ने शुक्रवार की सुबह पहला स्थान हासिल किया. समुद्र में लगभग आठ महीने रहने के बाद नेउशाफर और टॉमी ने दौड़ पूरी की. टॉमी के शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को आने की उम्मीद थी लेकिन हल्की हवाएं, कोहरे की स्थिति, मालवाहक जहाजों की निकटता और स्टीयरिंग की समस्याओं से उनके आगमन में देरी हुई.
अभिलाष की जीत धैर्य की कहानी है और भारत के समुद्री और खेल इतिहास में सबसे बड़ी वापसी में से एक है. उनकी उपलब्धि को इस बात से समझा जा सकता है. 6,098 लोग अब तक माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं. 628 व्यक्ति अंतरिक्ष में जा चुके हैं. लेकिन केवल 200 लोग ही बिना रुके दुनिया भर में अकेले यात्रा की है. टॉमी उनमें से एक हैं. टॉपी ने 2018 में भी प्रयास किया था, लेकिन इंजुरी के कारण अपनी रेस पूरी नहीं कर पाये थे.