पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती मामले में तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने फिर से कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में ईडी मामले को खारिज करने के लिए याचिका दायर की और सवाल उठाया कि एक ही मामले के आधार पर अलग जांच कैसे शुरू की जा सकती है. अभिषेक के वकील ने गुरुवार को न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष का ध्यान इस ओर आकर्षित किया. उनके मुताबिक ईडी का केस खारिज करने की अर्जी कोर्ट में लंबित है. उस मामले में फैसला लंबित है. क्या उससे पहले समन भेजा जा सकता है ? कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया.
जस्टिस घोष ने कहा कि अदालत दोनों मामलों के बीच संबंध देखेगी. उससे संतुष्ट होने पर मामले की सुनवाई की जायेगी. यदि नहीं तो ऐसा नहीं होगा. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी. ‘लीप्स एंड बाउंड्स’ संस्था की तलाशी के बाद ईडी को कई दस्तावेज मिले. ईडी उस दस्तावेज के आधार पर कई कदम उठा रहा है. यहां अभिषेक के वकील का सवाल है कि उसी ईसीआईआर के आधार पर नई कार्रवाई कैसे की जा सकती है ? इसकी वजह यह बताई जा रही है कि अभिषेक के खिलाफ ईडी की नियुक्ति का मामला कोर्ट में लंबित है. उस मामले में फैसला अभी तक घोषित नहीं किया गया है. इसके बावजूद अभिषेक के वकील ने सवाल उठाया कि ईडी इस मामले में इतना सक्रिय क्यों है.
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पिछले 21 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लीप्स एंड बाउंड्स के दफ्तर में करीब 18 घंटे तक तलाशी ली थी. ईडी सूत्रों के मुताबिक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में आरोपी सुजयकृष्ण भद्र इस कंपनी में ऊंचे पदों पर कार्यरत थे. तलाशी के दौरान ईडी ने संस्था के कर्मचारी चंदन का मोबाइल फोन जब्त कर लिया. चंदन ने बाद में दावा किया कि ईडी अधिकारियों के जाने के बाद उन्होंने देखा कि कंपनी के कंप्यूटर पर 16 माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल फाइलें डाउनलोड की गई थीं.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी को शिक्षक भर्ती मामले में कई अहम दस्तावेज मिले है. इन दस्तावेजों में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम सामने आया था, अभिषेक बनर्जी का नाम और संदर्भ सुजयकृष्ण भद्र उर्फ ‘कालीघाटेर काकू’ के खिलाफ एक जांच रिपोर्ट में आया था. रिपोर्ट दिल्ली भेजी जा चुकी है. ईडी सूत्रों के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसी के सहायक निदेशक रैंक के एक अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज के पृष्ठ 31 पर तृणमूल अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम उल्लेखित किया गया था.
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ईडी सूत्रों के अनुसार सुजयकृष्ण भद्र तृणमूल युवा कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के पैसों के मामले देखते थे. सुजॉय भद्र उनके काफी करीबी थे. हालांकि इडी सूत्रों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर वह संदेश क्या था जो सुजॉय ने माणिक को दिया होगा. उस संबंध में जांच अधिकारी द्वारा कोई विस्तृत स्पष्टीकरण या जानकारी नहीं दी गई है. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि पूरा मामला जांच का विषय है. ईडी के ही अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें हुगली के युवा तृणमूल नेता (अब निष्कासित) कुंतल घोष की सुजॉय से ‘नजदीकियों के बारे में सीबीआई द्वारा पकड़े गए तापस मंडल से पूछताछ के बाद पता चला था.
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सुजॉय की गिरफ्तारी के बाद ही दिल्ली भेजे गए दस्तावेजों में अभिषेक का नाम जोड़ा गया था. 17 जून का दस्तावेज जिस पर तृणमूल अखिल भारतीय महासचिव का नाम लिखा था, दिल्ली में पीएमएलए मामले के ‘न्यायनिर्णयन प्राधिकारी’ को भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक, जांच अधिकारी काले धन को सफेद करने के लिए हवाला से संबंध के मुद्दे पर भी गौर कर रहे हैं. कथित तौर पर लगभग 100 बैंक खाते इडी की जांच के दायरे में हैं. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को संदेह है कि उन खातों के जरिये मोटी रकम की अवैध तरीके से हेराफेरी की गयी है.
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