कोलकाता, अमित शर्मा : एक बार फिर सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की है. शुक्रवार को महानगर तृणमूल की ओर से “शहीद दिवस” पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए श्री बनर्जी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) सहित अन्य योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल के हिस्से की राशि रोके जाने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ दो अक्तूबर को गांधी जयंती के अवसर पर “दिल्ली चलो” का आह्वान किया है. उन्होंने साफ किया है कि अब बंगाल के लोग अपना हक दिल्ली में आंदोलन कर छीनकर लायेंगे. उनका दावा है कि पूरे देश में यह नारा गूंज रहा है कि 2024 में भाजपा सत्ता से बाहर हो जायेगी और नवगठित विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ केंद्र में अगली सरकार बनायेगा और वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा सत्ता से बाहर हो जायेगी.
तृणमूल सांसद ने सभा के दौरान यह भी आरोप लगाया कि “राज्य में हुए गत विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि भाजपा की केंद्र सरकार ने बदले की राजनीति के तहत बंगाल की राशि रोक दी है. पिछले दो वर्षों से बंगाल के लोग 100 दिनों रोजगार योजना के तहत मिलने वाली राशि से महरूम हैं. बंगाल की जनता को अपने हक के ही रुपये नहीं मिल रहे हैं. जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, हमारी (तृणमूल की) ओर से मनरेगा के तहत बंगाल के हिस्से की राशि रोके जाने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में व्यापक प्रदर्शन किया जायेगा. हम दो अक्तूबर यानी गांधी जयंती के मौके पर दिल्ली में कृषि भवन के बाहर प्रदर्शन करेंगे. बंगाल के लोगों को दिल्ली ले जाने का प्रबंध तृणमूल ही करेगी.” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने भी दिल्ली में प्रदर्शन करने के अभिषेक बनर्जी के आह्वान का समर्थन किया है. मार्च में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मनरेगा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल के हिस्से की राशि जारी नहीं करने के केंद्र सरकार के कथित कदम के खिलाफ कोलकाता में दो दिवसीय प्रदर्शन किया था.
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सभा से ही तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव श्री बनर्जी ने केंद्र सरकार के कथित सौतेले व्यवहार के खिलाफ विरोध जताने के लिए तृणमूल कार्यकर्ताओं से पांच अगस्त को पश्चिम बंगाल के हर ब्लॉक में प्रत्येक भाजपा नेता के घर का घेराव करने का आह्वान भी किया है. उन्होंने कहा, “राज्य के विकास के लिए काम करने के बजाय भाजपा की बंगाल इकाई के नेता केंद्र के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं और उससे प्रदेश के गरीब लोगों के हक की राशि रोकने के लिए कह रहे हैं. पांच अगस्त यानी शनिवार को राज्य में ब्लॉक प्रत्येक भाजपा नेता के घर का घेराव करेंगे. घेराव सुबह 10 बजे शुरू होगा, जो शाम छह बजे तक चलेगा. किसी बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति की आवाजाही बाधित न करें, लेकिन भाजपा नेताओं को न तो बाहर निकलने दें और न ही अंदर जाने दें.” इधर, तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने तृणमूल की इस कार्यसूची का समर्थन करते हुए इस दिन यह कहा कि “भाजपा नेताओं के घरों के बाहर विरोध-प्रदर्शन प्रखंड (ब्लॉक) स्तर पर आयोजित किया जाना चाहिए, वह भी घरों से 100 मीटर की दूरी पर, ताकि वे अपने ही घर में प्रवेश करने या बाहर निकलने में बाधा डालने का आरोप न लगा सकें.”
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तृणमूल नेता बनर्जी ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोगों को केंद्रीय जांच एजेंसियों इडी और सीबीआइ से भयभीत नहीं किया जा सकता है. तृणमूल को जितना रोकने की कोशिश की जायेगी, वह उतनी मजबूत होगी. इसका अंदाजा हाल ही में बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के नतीजों से लगाया जा सकता है. तृणणूल का वोट प्रतिशत बढ़कर 52 प्रतिशत हो गया है, वहीं भगवा दल का काफी गिरा है. अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला ‘इंडिया’ से होगा और इससे जीत पाना संभवत: उनके लिए संभव: नहीं है.
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