अभिषेक बनर्जी ने कहा, कोयला मामले में नहीं साबित कर सके कुछ, इसलिए शिक्षक भर्ती मामले में भेज रहे है समन
तृणमूल को पिछली बार से ज्यादा वोटों से विजयी बना कर रुपये लेकर ‘सेटिंग’ करना वाले व धर्म के नाम पर बंटवारे की राजनीति करना, एक जनप्रतिनिधि का काम नहीं होता है. उनका काम लोगों के पास और साथ रहना है. तृणमूल बंगाल के अन्य हिस्सों की तरह डायमंड हार्बर में भी सांप्रदायिकता की राजनीति नहीं चलने देगी.
अवैध कोयला खनन व तस्करी का मामला हो या शिक्षक नियुक्ति घोटाला, केंद्रीय जांच एजेंसियों की पूछताछ के सम्मुख सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) भी हुए हैं. उनके परिजनों से भी पूछताछ हुई है. ऐसे में सांसद बनर्जी केंद्रीय जांच एजेंसियों की भूमिका ही नहीं, बल्कि इस मामले को लेकर भाजपा की भी आलोचना कर चुके हैं. सांसद ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ-साथ भाजपा पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर पाने के कारण भाजपा, अलग-अलग मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसियों की इस्तेमाल कर हमें रोकना चाहती है, लेकिन हम अपना सर नहीं झुका सकते हैं. कोयला व पशु तस्करी मामले कुछ साबित नहीं कर पाये, तो अब शिक्षक नियुक्ति घोटाले में मुझे और मेरे परिजनों को परेशान किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा घोषित कार्यसूची को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. यदि ऐसा नहीं होता, तो उनका जब-जब कोई कार्यक्रम रहा है, तब उन्हें पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा तलब नहीं किया जाता. गत 13 अक्तूबर को भाजपा विरोधी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की समन्वय समिति की बैठक नयी दिल्ली में हुई थी, जिसमें मैं भी शामिल हुआ था. उस दिन भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुझे पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था. इसके बाद नयी दिल्ली में बंगाल को मनरेगा के तहत 100 दिनों रोजगार योजना की बकाया राशि के भुगतान करने की मांग पर आयोजित धरना के दौरान मैं सशरीर उपस्थित नहीं रह पाऊं, इसके लिए फिर मुझे केंद्रीय एजेंसी ने तलब किया था. इससे पहले, तीन अक्तूबर को मुझे पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था, जब मैं राजभवन के सामने धरना पर बैठा था.
तृणमूल सांसद ने यह दावा किया कि उन्होंने वर्ष 2020 में जो कहा था, आज भी वही कह रहे हैं. श्री बनर्जी ने कहा कि उस वक्त कोयला तस्करी मामले को लेकर मुझ पर कई आरोप लगाये गये थे. उस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुझे प्रोटेक्शन दिया. कोयला व पशु तस्करी के मामले में कुछ नहीं कर पाये, तो अब स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के मामले में मुझे ही नहीं, बल्कि मेरे माता-पिता व पत्नी को बुलाया जा रहा है. मुझपर दबाव बनाने की कोशिश करने से कुछ होने वाला नहीं है. मुझे रोका नहीं जा सकता है.
इस दिन तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने आइएसएफ ही नहीं, माकपा, कांग्रेस व भाजपा पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में डायमंड हार्बर सीट पर आइएसएफ के नेता नौशाद सिद्दिकी के भी चुनाव में मैदान उतरने के कयास लगाये जा रहे हैं. ऐसा होने पर विपक्षी दलों द्वारा भी उनका समर्थन करने के संकेत मिल रहे हैं. इसी लोकसभा सीट से तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि यह सुनने में आ रहा है कि कुछ लोग डायमंड हार्बर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. वे चुनाव लड़ें. चाहे, तो उत्तर प्रदेश या गुजरात से आकर भी लड़ सकते हैं.
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