नारद स्टिंग केस में तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी पर बोले अभिषेक बनर्जी, लॉकडाउन के नियमों का पालन करें
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी कानूनी रूप से लड़ेगी, क्योंकि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों और एक विधायक की गिरफ्तारी के विरोध में राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे तृणमूल के समर्थकों से सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने कानून का पालन करने और लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन नहीं करने का आह्वान किया. लोकसभा सांसद अभिषेक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी कानूनी रूप से यह लड़ाई लड़ेगी, क्योंकि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं हर किसी से कानून का पालन करने और बंगाल तथा बंगालियों के व्यापक हित में लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील करता हूं. हमें न्यायपालिका पर भरोसा है और यह लड़ाई कानूनी तरीके से लड़ी जायेगी.’
नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी तथा तृणमूल विधायक मदन मित्रा की गिरफ्तारी के विरोध में सैकड़ों तृणमूल समर्थकों ने कोलकाता में निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ के दफ्तर के बाहर जमा होकर प्रदर्शन किया. सीबीआइ ने कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को भी गिरफ्तार किया है.
प्रदर्शन के दौरान तृणमूल समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए पत्थरबाजी की और निजाम पैलेस के मुख्य द्वार पर पुलिस अवरोधक तोड़ने की कोशिश की. राजभवन के बाहर तथा शहर के अलग-अलग हिस्सों में भी प्रदर्शन हुए और कई जिलों में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सड़कें जाम कीं और टायर जलाये. पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर रविवार से संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है.
तृणमूल के इन नेताओं को सीबीआइ ने किया गिरफ्तार
ज्ञात हो कि सोमवार सुबह तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद कीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को नारद स्टिंग मामले में कोलकाता में गिरफ्तार किया. नारद स्टिंग में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिये जाने के मामले का खुलासा हुआ था.
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई की गयी, क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी स्टिंग टेप मामले में अपना आरोपपत्र दाखिल करने वाली है. चारों नेताओं को सोमवार सुबह कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआइ कार्यालय ले जाया गया. इन नेताओं की गिरफ्तारी की खबरें आने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने नेताओं के साथ सीबीआइ कार्यालय पहुंच गयीं.
हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआइ ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था. वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे. धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद सीबीआइ ने अपना आरोपपत्र तैयार किया और उन सबको गिरफ्तार कर लिया.
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भाजपा, तृणमूल दोनों से है शोभन का टकराव
हकीम, मुखर्जी और मित्रा तीनों हालिया विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए हैं. वहीं, भाजपा से जुड़ने के लिए शोभन चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी और दोनों खेमे से उनका टकराव चल रहा है. नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने वर्ष 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आये थे.
Posted By: Mithilesh Jha