West Bengal : अभिषेक बनर्जी ने आखिर क्यों राज्यपाल को कहा थैंक्यू …

कुल 21 लाख लोगों को कथित तौर पर 100 दिनों के काम के पैसे से वंचित कर दिया गया. उन लोगों के 20 लाख पत्र लेकर तृणमूल प्रतिनिधिमंडल पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने दिल्ली गया था.

By Shinki Singh | October 10, 2023 4:11 PM
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दो दिनों तक दिल्ली में रहने और करीब पांच दिनों तक कोलकाता में धरने के बाद आखिरकार तृणमूल का संदेश दिल्ली तक पहुंच ही गया. राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) ने ईमेल में तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को सूचित किया कि बकाया मुद्दे पर केन्द्रीय गृह मंत्री से उनकी बात हुई है . गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी. उनके साथ कई जॉब कार्ड धारक भी थे, जिन्होंने अपने बकाया पैसे से वंचित होने का दावा किया था. बोस ने उस बैठक के 24 घंटे के भीतर दिल्ली को अभिषेक बनर्जी का संदेश दिया .अभिषेक ने राज्यपाल को धन्यवाद दिया. अभिषेक ने एक्स के जरिए वह ईमेल भी पोस्ट किया.

अभिषेक बनर्जी 5 दिन तक बैठे थे धरना पर

अभिषेक बनर्जी राज्यपाल के इंतजार में राजभवन के सामने धरने पर बैठ गये. उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल नहीं लौटे तो वह मंच नहीं छोड़ेंगे. आखिरकार सोमवार को तृणमूल प्रतिनिधिमंडल को उनसे मिलने का मौका मिल गया. वे करीब 20 मिनट तक अंदर रहे. तृणमूल ने मांग की कि यह संदेश दिल्ली तक पहुंचाया जाना चाहिए कि लाखों लोगों को 100 दिनों के काम के पैसे से वंचित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि राजभवन में मौजूद जॉब कार्ड धारकों ने राज्यपाल के चरणों में अपने कार्ड रखे और न्याय की मांग की. इस मुलाकात के बाद राज्यपाल फिर दिल्ली चले गये. वहां से मेल कर उन्होंने कहा कि मांग से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया गया है.

अभिषेक ने एक्स के जरिए राज्यपाल को दिया धन्यवाद

मेल मिलने के बाद अभिषेक बनर्जी ने एक्स के जरिए राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ”बंगाल के लोगों के बारे में दिल्ली को तुरंत जानकारी देने के लिए धन्यवाद. कुल 21 लाख लोगों को कथित तौर पर 100 दिनों के काम के पैसे से वंचित कर दिया गया. उन लोगों के 20 लाख पत्र लेकर तृणमूल प्रतिनिधिमंडल पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने दिल्ली गया था. वहा से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने राज्यपाल के माध्यम से संदेश देने की बात कही.

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