केंद्रीय जांच एजेंसियों की दक्षता पर अभिषेक ने उठाया सवाल, ‘अभिषेक फोबिया’ से पीड़ित है भाजपा
शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री करीब 14 महीनों से जेल में हैं, इस मामले की जांच में अभी तक क्या निष्कर्ष निकला है? आखिर क्या कारण है कि ईडी द्वारा जांच किये जाने वाले मामलों में कन्विकशन रेट करीब 0.48 प्रतिशत है?
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में करीब नौ घंटों की पूछताछ के बाद रात करीब 8.50 बजे सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ईडी कार्यालय के बाहर निकले. उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों की दक्षता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि अभी तक ईडी व सीबीआई जिन-जिन मामलों की जांच कर रही है, उसका क्या नतीजा निकला है. करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले मामले में सुदीप्त सेन करीब नौ वर्षों से जेल में हैं. क्या अभी तक चिटफंड पीड़ितों में से किसी एक को उनके रुपये मिल पायें हैं. वह भ्रम में है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर उसे धूपगुड़ी वापस मिल जायेगी.
अभिषेक ने पार्थ चटर्जी का मुद्दा उठाया
शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री करीब 14 महीनों से जेल में हैं, इस मामले की जांच में अभी तक क्या निष्कर्ष निकला है? आखिर क्या कारण है कि ईडी द्वारा जांच किये जाने वाले मामलों में कन्विकशन रेट करीब 0.48 प्रतिशत है? इधर, ईडी की पूछताछ को लेकर उन्होंने दावा किया कि “केंद्रीय जांच एंजेसी द्वारा पूछताछ का नतीजा इस बार ‘जीरो’ नहीं, बल्कि पूछताछ का नतीजा ‘माइनस टू्’ रहा है. मैं इसमें ईडी अधिकारियों को कोई दोष नहीं देना चाहता हूं. क्योंकि केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा यदि सत्ता का दुरुपयोग करना चाहती है, तो उसमें वह क्या कर सकते हैं ? धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है.
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भाजपा राजनीतिक रूप से तृणमूल से मुकाबला नहीं कर सकती
असल में भाजपा राजनीतिक रूप से तृणमूल से मुकाबला नहीं कर सकती है, इसलिए वह प्रतिशोध की राजनीति कर रही है. यही वजह है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने से भी नहीं चूक रही है. भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति का जवाब अब जनता ही देगी. मैं उन्हीं को निर्णय करने की जिम्मेदारी देता हूं. वह कभी झुकेंगे नहीं. रही बात इडी की पूछताछ का, तो उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है. हर सवालों का जवाब दिया है. यदि जरूरत पड़ी, तो बुलावे पर फिर केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष हाजिर होंगे. शिक्षक भर्ती घोटाले की रकम मेसर्स लिप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खातों में स्थानांतरित होने की आशंका जताये जाने के प्रश्न पर अभिषेक ने दावा किया कि यह प्रमाणित करके दिखाया जाये. वह अभी भी कंपनी के सीइओ हैं.
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भाजपा ‘I-N-D-I-A’ से भयभीत है,
भाजपा के खिलाफ विपक्षों दलों के गठबंधन ‘‘I-N-D-I-A’ की समन्वय समिति की नयी दिल्ली में हुई बैठक में शामिल नहीं हो पाने के प्रश्न पर श्री बनर्जी ने कहा कि भाजपा ‘I-N-D-I-A’ से भयभीत है, उससे कहीं ज्यादा गठबंधन में तृणमूल की भूमिका से है. यदि ऐसा नहीं होता, तो विपक्षी दलों के गठबंधन में केवल तृणमूल में शामिल शख्स को ही केंद्रीय जांच एजेंसी का नोटिस मिला, वह भी ठीक उसी दिन, जिस दिन बैठक होने वाली थी.
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कोर्ट के निर्देश पर अभिषेक पूछताछ के लिए हाजिर हुए
ईडी की पूछताछ को लेकर उन्होंने यह भी सवाल किया कि वीडियो में जो लोग रुपये रिश्वत लेते दिखते हैं. अदालत उनसे पूछताछ का करने का आदेश क्यों नहीं देती है. कोर्ट के निर्देश पर वह भी पूछताछ के लिए हाजिर हुए. उन्होंने ईडी को यह भी चुनौती दी कि वह उनका स्टेटमेंट अदालत में दाखिल करे. इधर, नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले को लेकर सवाल पूछे जाने पर अभिषेक ने कहा कि इस मामले से जुड़े हर आरोपियों पर कार्रवाई हो, शुरुआत भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हो. ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई भाजपा में शामिल हो जाये, तो उनके सारे दोष मिट जायें.
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‘अभिषेक फोबिया’ से पीड़ित है भाजपा
राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने भी भगवा दल पर निशाना साधते हुए श्री बनर्जी की तुलना बाघ से कर डाली. उन्होंने कहा कि बुधवार को ही भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन ‘I-N-D-I-A’ की समन्वय समिति की बैठक थी और इसी दिन ईडी ने श्री बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाया. इससे स्पष्ट है कि भाजपा, विपक्षी दलों के गठबंधन से भयभीत है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. उन्हें खुशी है कि श्री बनर्जी ने चुनौती स्वीकार की और वह जांच एजेंसी के समक्ष हाजिर हुए. वह चाहते, तो बैठक में शामिल होने का हवाला देकर केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र भेज सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ऐसे में वह ‘बाघ के बच्चे’ के समान हैं.