झारखंड : जामताड़ा में आज भी करीब तीन हजार बच्चे हैं स्कूल से बाहर, विद्यालय से जोड़ने का निर्देश
जामताड़ा जिले में आज भी 2674 बच्चे स्कूल से बाहर हैं. इन्हें स्कूल से जोड़ने के लिए जिले में बैक टू स्कूल अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत छह से 18 वर्ष तक के वैसे बच्चे जो स्कूल नहीं जा रहे हैं उन्हें स्कूल में नामांकित कराया जायेगा.
Jharkhand News: जामताड़ा जिले में आर्थिक रूप से कमजोर 2674 बच्चे आज भी स्कूली शिक्षा से बाहर हैं. उन्हें स्कूल से जोड़ने के लिए कवायद शुरू कर दिया गया है. स्कूल चले अभियान के तहत जिले में ड्रॉप आउट बच्चाें का फिर से स्कूलों से जोड़ने के लिए जिले भर में 15 जून से 16 जुलाई तक ‘बैक टू स्कूल’ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत छह से 18 वर्ष तक के वैसे बच्चे जो स्कूल नहीं जा रहे हैं उन्हें स्कूल में नामांकित कराया जायेगा. इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने पिछले दिनों राज्य स्तरीय बैठक में निर्देश दिया है कि स्कूल से बाहर रहने वाले एक भी बच्चे स्कूल जाने से वंचित न रहें. बता दें कि ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल वापस लाने और उनकी नियमित उपस्थिति बनाए रखना एक चुनौती है. इसके लिए सामूहिक प्रयास किया जाना आवश्यक है.
नारायणपुर में मात्र 18 बच्चे हैं ड्रॉप आउट
जामताड़ा जिले में छह से 18 वर्ष तक के कुल 2674 बच्चे ड्रॉप आउट हैं. इनमें छह से 14 वर्ष के 2553 बच्चे और 14 से 18 वर्ष तक में 121 ड्रॉप आउट बच्चों को चिह्नित किया गया है. जामताड़ा प्रखंड में 185 बच्चे ड्रॉप आउट, नारायणपुर में 18, नाला में 1284, कुंडहित में 461, फतेहपुर में 653, करमाटांड़ में 72 बच्चे ड्रॉप आउट हैं.
प्रधानाध्यापकों को देना होगा प्रमाण पत्र
स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने निर्देश दिया है कि चिह्नित ड्रॉप आउट बच्चों के नामांकन के बाद संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि उनके पोषक क्षेत्र में छह से 18 वर्ष के कोई भी बच्चे अनामांकन नहीं है. वहीं, ई- विद्यालय वाहिनी पोर्टल पर बच्चों का आंकड़ा डालने का निर्देश दिया है.
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आठवीं फेल बच्चों के लिए चलाया जायेगा रिमेडियल क्लास
जिले में इस वर्ष आठवीं बोर्ड में 92.24 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं. जिले में आठवीं में 14622 बच्चे नामांकित थे, जिसमें से 13653 बच्चों ने आठवीं बोर्ड की परीक्षा दी थी. इसमें 12594 बच्चे पास हुए हैं. परीक्षा में असफल बच्चे को पूरक परीक्षा देनी होगी. इसके लिए स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव ने राज्य स्तरीय बैठक में निर्देश दिया है कि जो बच्चे आठवीं बोर्ड में फेल हो गए हैं उन्हें पूरक परीक्षा देनी है. इसके लिए संबंधित स्कूलों को रिमेडियल क्लास का संचालन करना होगा, ताकि फेल हुए बच्चे फिर से तैयारी कर पूरक परीक्षा में भाग ले सकें.
एक भी बच्चे ड्राॅप आउट न रहे, इसका प्रयास हो रहा है : एडीपीओ
इस संबंध में एडीपीओ संजय कापरी कहते हैं कि बैक टू स्कूल अभियान के तहत छह से 18 वर्ष के वैसे बच्चे जो स्कूल से बाहर हैं उसे इस अभियान के तहत स्कूलों से जोड़ा जाना है. एक भी बच्चे ड्रॉप आउट न रहे. इसका प्रयास किया जा रहा है.