सारधा चिटफंड घोटाला के आरोपी कुणाल घोष और अभिनेत्री-सांसद नुसरत जहां को तृणमूल ने बनाया प्रवक्ता
West Bengal News, Saradha Chit Fund Scam, Kunal Ghosh, Nushrat Jahan, Trinamool Congress, West Bengal Election 2021: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के लिए जारी 34 प्रवक्ताओं की सूची में सारधा चिटफंड घोटाला के आरोपी कुणाल घोष को भी शामिल किया. पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने 12 नेताओं को राष्ट्रीय प्रवक्ता और 22 नेताओं को राज्य स्तर का प्रवक्ता नियुक्त किया है.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के लिए जारी 34 प्रवक्ताओं की सूची में सारधा चिटफंड घोटाला के आरोपी कुणाल घोष को भी शामिल किया. पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने 12 नेताओं को राष्ट्रीय प्रवक्ता और 22 नेताओं को राज्य स्तर का प्रवक्ता नियुक्त किया है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, पार्टी सांसद सौगत रॉय और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र और पूर्व पार्टी सांसद सुगतो बोस को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है. वहीं राज्य स्तर के प्रवक्ताओं अभिनेत्री से सांसद बनीं नुसरत जहां रुही, ओमप्रकाश मिश्रा और सुब्रत मुखर्जी के नाम शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि कुणाल घोष सारधा मीडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे, जो सारधा समूह की कंपनी थी. वर्ष 2013 में समूह द्वारा गैर-कानूनी तरीके से चिटफंड चलाने का खुलासा हुआ और 23 नवंबर, 2013 को बिधाननगर पुलिस ने घोष को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था.
ज्ञात हो कि प्रशांत किशोर की सलाह पर हाल ही में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन किया था. इसे तृणमूल कांग्रेस के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल माना जा रहा है. वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मिलने वाली संभावित कड़ी टक्कर के मद्देनजर ऐसा किया गया.
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी ही मजबूती के साथ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान चला रही है. कांग्रेस और वामदलों को पीछे छोड़ते हुए भाजपा मुख्य विपक्ष की भूमिका निभा रही है. लोकसभा चुनाव में उसने 18 सीटें जीतकर ममता की बादशाहत को एक तरह से चुनौती दे दी थी.
यही वजह है वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी कोई रिस्क नहीं लेना चाहतीं. वह किसी भी सूरत में पश्चिम बंगाल की सत्ता अपने हाथ से नहीं जाने देने के मूड में हैं. इसलिए जब भी मौका मिलता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला करने से नहीं चूकती हैं.
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Posted By : Mithilesh Jha