बरेली: ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कराने वाले एसीओ-लेखपाल निलंबित, एफआईआर दर्ज, प्रधान की शिकायत पर कार्रवाई
बरेली के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर चकबंदी आयुक्त ने एसीओ सुनील कुमार को सस्पेंड कर दिया है. बताया जाता है कि सुनील फरीदपुर के गजनेरा में जमीन को फर्जी दस्तावेज के जरिए दूसरों के नाम दर्ज करने के मामले में भी दोषी पाए गए थे. एसओसी बदायूं को मामले की जांच दी गई है.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली की मीरगंज तहसील की ग्राम पंचायत मोहम्मद गंज ऐतमाली के ग्राम प्रधान की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई हुई है. यहां की ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कराने वाले सहायक चकबंदी अधिकारी और लेखपाल के खिलाफ दो दिन पहले मीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मगर, अब दोनों को निलंबित किया गया है. यह ग्राम समाज की करीब 400 बीघा कृषि भूमि के फर्जीवाड़े का मामला है. गांव से बाहर के लोगों के खतौनी में नाम दर्ज कराए गए थे. जनता दर्शन में मीरगंज तहसील के मोहम्मदगंज ऐतमाली के प्रधान प्रेमपाल ने डीएम रविंद्र कुमार के सामने पेश होकर शिकायत की थी. उनका आरोप था कि एसीओ (सहायक चकबंदी अधिकारी) और लेखपाल ने 2018 से कई साल में चार सौ बीघा से अधिक ग्राम समाज की अरबों रुपए की जमीन में फर्जीवाड़ा कर गांव और बाहर के लोगों से साठगांठ करके खतौनी की खाता संख्या 1, 41, 393, 490, 590, 510, 522 आदि पर खातेदारों के नाम पर फर्जी तरीके से कई-कई बार जमीन चढ़ाकर फर्जी पत्रावलियां तैयार की थीं. इसको डीएम रविंद्र कुमार ने गंभीरता से लिया.
प्रकरण को लेकर बरेली के जिलाधिकारी ने जांच कमेटी बनाई. उन्होंने कमेटी की जांच रिपाेर्ट के आधार पर दोषी मिले एसीओ चकबंदी सुनील कुमार और चकबंदी लेखपाल रामवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए. बंदोबस्त अधिकारी की तहरीर पर मीरगंज थाने में एसीओ और लेखपाल के खिलाफ सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी, धाेखाधड़ी, साजिश आदि की धाराओं में केस दर्ज हुआ था. मगर, अब डीएम की रिपोर्ट पर चकबंदी आयुक्त ने एसीओ सुनील कुमार को सस्पेंड कर दिया है. बताया जाता है कि सुनील फरीदपुर के गजनेरा में जमीन को फर्जी दस्तावेज के जरिए दूसरों के नाम दर्ज करने के मामले में भी दोषी पाए गए थे. एसओसी बदायूं को मामले की जांच दी गई है. एसीओ को निलंबन अवधि में एसओसी ऑफिस से संबद्ध किया गया है.जांच पूरी होते ही एसीओ के खिलाफ शासन स्तर से और बड़ी कार्रवाई होने की उम्मीद है.
Also Read: आगरा: दुर्गा मां के मूर्ति विसर्जन और दशहरा के लिए हाथी घाट रोड पर रहेगा रूट डायवर्जन, भारी भीड़ को लेकर फैसला
पहले हुई जांच पर नहीं लिया गया एक्शन
जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी. जांच कमेटी की जांच में खुलासा हुआ कि इस मामले में पहले भी जांच हुई थी. मगर, उस वक्त जांच को दबा दिया गया था. इसके बाद आईजीआरएस पर भी सवाल उठे थे.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली