पटना : करीब 16 साल पहले 2004 में झारखंड बोकारो में शहरी गृह रक्षकों के नामांकन (बहाली) में गड़बड़ी के आरोप में भोजपुर में तैनात होम गार्ड के समादेष्टा पर कार्रवाई होगी. दोषी अधिकारी को दंड देने के लिये दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर विभागीय कार्यवाही चलायी़ दो दशक बाद कार्यवाही अपने अंजाम पर पहुंची है़ सूत्रों के अनुसार दोषी अधिकारी करीब तीन वर्ष तक बिहार प्रशासनिक सेवा में भी रह चुके है़ं गृह रक्षा वाहिनी भोजपुर के समादेष्टा अनुज कुमार को अब वेतन वृद्धि कटौती की सजा झेलनी होगी. उनके खिलाफ दो दशक पहले बोकारो में होमगार्ड बहाली में गड़बड़ी के आरोप थे.
अनुज कुमार बोकारो में जिला समादेष्टा थे़ उस समय होमगार्ड की बहाली की गयी थी़ इसमें वांछित शैक्षणिक प्रमाणपत्र के बिना ही युवाओं को दौड़ में शामिल करने का आरोप था. इस अनियमितता के लिये झारखंड सरकार ने एक अक्तूबर, 15 को बिहार सरकार को प्रतिवेदन भेजा था़ बिहार सरकार ने समादेष्टा के खिलाफ आरोप गठित कर दिये़ 27 दिसंबर, 16 को झारखंड सरकार से साक्ष्य उपलब्ध कराने का अनुरोध किया़ दोषी अधिकारी बचाव में हाइकोर्ट पटना चले गये लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिली़ संयुक्त आयुक्त विभागीय जांच पटना प्रमंडल को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया़ झारखंड में गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय में तैनात अवर सचिव को उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया़ 27 नवंबर, 19 को अनुज कुमार को दो वेतनवृद्धि रोकने का दंड दिया गया़ इस दंड पर पुनर्विचार के लिये गृह विभाग को श्री कुमार ने अनुरोध किया था. उनके आवेदन को गृह विभाग ने नौ जून को अस्वीकार कर दिया है़