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धनबाद : अरबों का सालाना ट्रांजेक्शन वाला विभाग आदेशपाल के भरोसे, ऑफिस में उग आये हैं पेड़

प्रत्येक वित्त वर्ष में लगभग एक अरब रुपये का ट्रांजेक्शन वाला राष्ट्रीय बचत विभाग एक आदेशपाल के हवाले है. वह भी पिछले लगभग आठ वर्ष से. आदेशपाल ही सहायक, प्रधान सहायक दोनों का काम करते हैं. वही दफ्तर खोलते हैं, साफ-सफाई भी करते हैं. संचिका भी तैयार करने की जिम्मेदारी भी है.

धनबाद, संजीव झा. प्रत्येक वित्त वर्ष में लगभग एक अरब रुपये का ट्रांजेक्शन वाला राष्ट्रीय बचत विभाग एक आदेशपाल के हवाले है. वह भी पिछले लगभग आठ वर्ष से. आदेशपाल ही सहायक, प्रधान सहायक दोनों का काम करते हैं. वही दफ्तर खोलते हैं, साफ-सफाई भी करते हैं. संचिका भी तैयार करने की जिम्मेदारी भी है. रिपोर्ट भी तैयार करते हैं. नाम के लिए एक अधिकारी हैं, वह भी अतिरिक्त प्रभार में.

क्या है स्थिति : धनबाद में राष्ट्रीय बचत विभाग का कार्यालय पंचायती राज कार्यालय भवन में चलता है. दो कमरा आवंटित है. यहां पर जिला राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी, चार सहायक बचत पदाधिकारी, दो सहायक व एक-एक आदेशपाल व चालक का पद स्वीकृत है. यहां फिलहाल जिला राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी का प्रभार विरेंद्र कुमार सिन्हा के पास है. इनकी मूल पोस्टिंग गिरिडीह जिला में है. बोकारो व धनबाद जिला के अतिरिक्त प्रभार में हैं. माह में दो-तीन बार आते हैं. विभाग की स्थिति बहुत खराब है. यहां पर पिछले कई वर्षों से किसी अधिकारी या कर्मचारी की बहाली नहीं हुई है. सूत्रों के अनुसार अधिकारियों व कर्मचारियों की यह कमी धनबाद ही नहीं. बल्कि पूरे राज्य में है. एक-एक अधिकारी कई-कई जिलों के प्रभार में हैं.

तीन विभागों के विलय का मामला भी अधर में

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने कुछ वर्ष पहले राष्ट्रीय बचत विभाग का विलय भविष्य निधि विभाग में करने का निर्णय लिया था. लेखा विभाग के विलय का भी प्रस्ताव है. लेकिन, अभी तक इस प्रस्ताव पर अमल नहीं हो पाया है. इसको लेकर विभागीय आदेश का इंतजार हो रहा है.

छह सौ एजेंट हैं कार्यरत

धनबाद जिला में राष्ट्रीय बचत कार्यालय से लगभग छह सौ एजेंट जुड़े हैं. पिछले कई वर्षों से यहां एजेंटों की बहाली नहीं हुई है. एजेंटों को एनएससी बेचने की एवज में आधा फीसदी कमीशन मिलता है. जबकि पहले कमीशन की राशि दो फीसदी थी. किसी महिला का साधवी जमा योजना (आरडी) खाता खोलने पर चार फीसदी कमीशन मिलता है.

कहते हैं उपायुक्त

उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बचत में मैनपावर की कमी की समीक्षा होगी. जरूरत पड़ने पर जिला से किसी कर्मी एवं अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया जायेगा. काम-काज में परेशानी नहीं होने दी जायेगी.

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कार्यालय में उग आये हैं पेड़, बना रहता है खतरा

जिस कार्यालय से करोड़ों का व्यवसाय होता है. उसकी स्थिति बहुत ही दयनीय है. कुर्सी टूटी हुई है. कार्यालय के अंदर व बाहर पेड़ उग गये हैं. छत रिसता है. बारिश के दिनों में संचिकाओं को सुरक्षित रखने की बड़ी चुनौती रहती है. पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर भी नहीं है. खिड़कियां भी टूटी हुई है. देख कर लगता है जैसे कबाड़खाना हो. वर्षों से इस दफ्तर के भवन की मरम्मत नहीं हुई है. साफ-सफाई की भी उचित व्यवस्था नहीं है.

पिछले वित्त वर्ष में 99.34 करोड़ का हुआ ट्रांजेक्शन

धनबाद जिला में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय बचत विभाग द्वारा 99,33,46,000 रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया. इतने मूल्य के राष्ट्रीय बचत की विभिन्न योजनाओं के सर्टिफिकेट बेचे गये. यह काम डाक विभाग तथा एजेंटों के जरिये हुआ. एक आदेशपाल ही सभी काम को देखते हैं. आदेशपाल के अलावा एक चालक यहां पूर्ण रूप से कार्यरत हैं. यहां आउटसोर्स पर भी कोई कर्मी नहीं है.

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