बंगाल चुनाव 2021 में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए भाजपा जिम्मेवार, समीक्षा बैठक में बोले अधीर रंजन चौधरी
बंगाल चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए भाजपा जिम्मेवार, समीक्षा बैठक में बोले अधीर रंजन
कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद पहली बार पार्टी के जिलाध्यक्षों, शाखा संगठनों, पूर्व विधायकों व प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने विधान भवन में समीक्षा बैठक की. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बार चुनाव में कांग्रेस का बुरा प्रदर्शन रहा है. लेकिन, इसके लिए सही मायनों में जिम्मेवार भाजपा है.
इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि अभी भी कांग्रेस के साथ वाम मोर्चा का गठबंधन बरकार है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा जिस तरह से आक्रामक होकर नागरिकता बिल का मुद्दा उठाया, उससे अल्पसंख्यक मतदाता आतंकित हो गये. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेवार ठहराया.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने खुद को इस तरह से पेश किया, मानो वे सिर्फ एक वर्ग विशेष के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री हैं. देश के बाकी नागरिक घुसपैठिया हैं. लिहाजा, अल्पसंख्यकों में डर का माहौल बना और लोगों ने एकजुट होकर तृणमूल कांग्रेस को वोट दिया.
इसका सीधा फायदा तृणमूल कांग्रेस को मिला. यही वजह है कि जनता के भरोसे पर संयुक्त मोर्चा खरा नहीं उतर पाया और लोगों ने उसे वोट नहीं दिया. ज्ञात हो कि बंगाल में कांग्रेस ने वाम मोर्चा और फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था.
चुनाव से पहले ही सीटों के बंटवारे को लेकर आइएसएफ की कांग्रेस से खटास सामने आ गयी थी. चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. हालांकि, तीनों दलों के गठबंधन संयुक्त मोर्चा के एकमात्र घटक दल आइएसएफ को एक सीट पर जीत मिली. वाम मोर्चा और कांग्रेस पहली बार बंगाल में एक भी सीट नहीं जीत पायी.
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राष्ट्रपति से राज्यपाल को हटाने की मांग क्यों नहीं करती तृणमूल
राज्याल के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अधीर चौधरी ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही राज्यपाल के कार्यों व उनके बयानों का समर्थन नहीं कर रही है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस का रुख भी बहुत सकारात्मक नहीं है. अगर तृणमूल वास्तव में इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो उसे प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति के पास आवेदन करना चाहिए, क्योंकि राज्यपाल की नियुक्ति तो राष्ट्रपति ही करते हैं.
अधीर रंजन ने कहा कि ऐसा नहीं करके तृणमूल कांग्रेस की ओर से केवल बयानबाजी की जा रही है. श्री चौधीर ने पूछा : तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रपति को ज्ञापन क्यों नहीं दे रही है, यह समझ से परे है.
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Posted By: Mithilesh Jha