Aditya-L1 Mission: आदित्य-एल1 ने कर दिया कमाल, पूरी कर ली सूर्य के हेलो ऑर्बिट की परिक्रमा

भारत के पहले सौर मिशन आदित्य एल 1 ने दी खुशखबरी स्थापित किया कीर्तिमान. आदित्य -एल 1 ने सूर्य-पृथ्वी के हेलो ऑर्बिट की परिक्रमा पूरी कर ली है.

By Kushal Singh | July 3, 2024 10:06 AM

Aditya-L1 Mission: अंतरिक्ष से भारत को बड़ी खुशखबरी मिली है. मंगलवार को भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान ने सूर्य-पृथ्वी के एल1 बिंदु के चारों ओर पहली हेलो कक्षा की अपनी परिक्रमा को पूरी कर ली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस बात की पुष्टि की है. ट्वीट में ISRO ने लिखा है कि आज आदित्य-एल1 ने सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा पूरी कर ली है. ट्वीट में आगे बताया गया कि इस यान को इसी साल 6 जनवरी, 2024 को प्रक्षेपित किया गया था. इसे एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगे. आज के स्टेशन-कीपिंग क्रियान्वयन ने दूसरे हेलो कक्षा में इसके निर्बाध संक्रमण को सुनिश्चित किया है.

आदित्य-एल1 के पथ में किया गया था परिर्वतन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
के मुताबिक आदित्य-एल1 के पथ में परिर्वतन किया गया था. मिशन को इस कक्षा में बनाए रखने के लिए 22 फरवरी और 7 जून को दो बार उसके मार्ग में फेरबदल किया गया. आज के तीसरे अभ्यास ने यह सुनिश्चित किया है कि एल1 के चारों ओर दूसरे हेलो कक्षा में इसकी यात्रा जारी रहे. इसरो ने माना है कि मार्ग में इस फेरबदल के बाद आदित्य-एल1 मिशन के लिए यूआरएससी-इसरो में विकसित अत्याधुनिक उड़ान गतिशीलता सॉफ्टवेयर पूरी तरह से स्थापित हो गया है.

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जानें आदित्य एल1 मिशन के बारे में

आदित्य एल 1 मिशन ISRO का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. इसरो ने पिछले साल 2 सितंबर को इसे लॉन्च किया था. इसके साथ ही Aditya L1 Mission भारत का पहला वेधशाला-श्रेणी का अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन है. यह मिशन सूर्य की गतिशील प्रक्रियाओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करने और सौर भौतिकी और हेलियोफिजिक्स में कुछ बकाया मुद्दों को संबोधित करने के उद्देश्य से लांच किया गया था. अब आदित्य अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लाग्रेंज बिंदु या L1 बिंदु के चारों ओर एक प्रभाव मंडल कक्षा में स्थापित किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अंतरिक्ष यान को L 1 कक्षा का एक पूरा चक्कर करने में 178 दिन लगे हैं. इस मिशन का उद्देश्य यह समझना था कि जब सूर्य एक्टिव होता है तो क्या होता है.

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