खबर छपी तो रेस हुआ प्रशासन, पत्नी बोली- तीन दिन से कुछ खायल नाय हो, घुमरी दे हो से उठे नाय पार रहल हो
बुखार, दस्त व उल्टी की अधिक शिकायत होने पर रामेश्वर मोहली को निचितपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. पत्नी पार्वती देवी ने बताया कि तीन दिन से कुछ खायल नाय हो. घुमरी दे हो से उठे नाय पार रहल हो.
Dhanbad News: बुधवार रात तोपचांची के रामेश्वर मोहली की तबीयत अचानक खराब हो गयी. उल्टी, दस्त और बुखार से पीड़ित मोहली को उनकी पत्नी ने निचितपुर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल के संस्थापक डॉ उमाशंकर सिंह ने बताया कि लगातार भोजन की कमी के कारण रामेश्वर कमजोरी और डिहाइड्रेशन का शिकार हो गया है. उसका इलाज किया जा रहा है. ज्ञात हो कि गिरिडीह-धनबाद की सीमा पर स्थित ललकी पहाड़ी की तराई के गणेशपुर मोहली टोला निवासी रामेश्वर की पीड़ा यह कि 18 वर्ष पहले उसका बेटा पुलिस की गाड़ी चलाता हुआ दुर्घटना का शिकार हो कर मरा था. उस वक्त उससे तरह-तरह के वादे किये गये, पर आज तक उसको ना तो बेटे का मुआवजा मिला और ना ही कोई और सरकारी सुविधा.
इस वजह से किसी तरह से उसकी जिंदगी चल रही है. जब मन नहीं मानता तो बहुत मुश्किल से धनबाद आता है और निराश होकर लौट जाता है. मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ था. वह धनबाद डीसी के जनता दरबार में आया था. यहां पर कुछ देर से आने के कारण उसका आवेदन नहीं लिया गया. इसी बीच कमजोरी से वह बेहोश हो गया. बाद में होश में आने के बाद वह किसी तरह वापस लौटा.
निचितपुर के अस्पताल में हुआ भर्ती
बुधवार को बुखार, दस्त व उल्टी की अधिक शिकायत होने पर रामेश्वर मोहली को निचितपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. पत्नी पार्वती देवी ने बताया कि तीन दिन से कुछ खायल नाय हो. घुमरी दे हो से उठे नाय पार रहल हो. खबर छपने के बाद गुरुवार को तोपचांची के प्रखंड प्रमुख आनंद महतो व जिप सदस्य विकास कुमार महतो रामेश्वर मोहली के घर पहुंचे. वहां उन लोगों ने गांव वालों से मोहली के संबंध में जानकारी ली. प्रमुख ने बताया कि अस्पताल से रामेश्वर के लौटने पर सभी कागजातों को देख कर उसके जमीन को दुरुस्त कराया जायेगा. उसके बेटे के दुर्घटना के बाद उसे लिखित क्या दिया गया थे, उस वक्त प्राथमिकी में क्या अंकित है आदि बातों की जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
चटाई बेच करते हैं भरण-पोषण
रामेश्वर व उसकी पत्नी की जीविका का एकमात्र साधन है चटाई बना कर बेचना. इसके लिए वह बांस खरीद कर लाता है और चटाई बना कर बेचता है. इधर, बरसात में बांस में करील निकलता है. इसलिए बांस की खरीद-बिक्री नहीं होती है. जंगल से काटने पर केस का डर रहता है. इसलिए अभी कमाई का वह साधन भी बंद है. इस वजह से फांकाकशी की नौबत है.
खबर छपी तो पहुंचने लगे कर्मचारी
गांव की राधिका मोहली ने बताया कि पहाड़ी के तलहटी में बसे मोहली टोला में कोई जनप्रतिनिधि या पंचायत प्रतिनिधि नहीं आता है. गांव में बिजली व सड़क तो है, लेकिन पीने के पानी की किल्लत है. खबर छपने के बाद पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, जेएसएलपीएस बीसी, सहिया, सेविका, सहायिका, कर्मचारी आदि गांव का चक्कर लगाने लगे हैं.
नि:शुल्क इलाज कर रहे डॉ उमाशंकर
निचितपुर के अस्पताल के संस्थापक डॉ उमाशंकर सिंह ने बताया कि मोहली ने तीन दिन से ठीक से खाना नहीं खाया था. इसी वजह से उसे डिहाइड्रेशन के साथ चक्कर आ रहा है. वह उसका अपने मद से इलाज कर रहे हैं और उसे ठीक होने के बाद ही घर भेजेंगे. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर में खबर पढ़ने के साथ ही उन्होंने तय किया था कि उसका इलाज वह करेंगे.
खबर छपी तो रेस हुआ प्रशासन, बीडीओ ने ली जानकारी
प्रभात खबर में लगातार दो दिनों से रामेश्वर मोहली की छप रही खबर को लेकर गुरुवार को तोपचांची के बीडीओ राजेश एक्का ने मदैयडीह पंचायत के सचिव नुनूलाल टुडू व मुखिया अनवर अंसारी के साथ बैठक की. इस दौरान श्री एक्का ने मोहली के घर की भौतिक स्थिति, आर्थिक स्थिति, कौन सी सरकारी योजना मिल रही है कि जानकारी उनसे ली. इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ ने बताया कि उन्होंने प्रभात खबर में छपी खबर की प्रति लगा कर उपायुक्त को आवास के लिए अनुमोदन के लिए भेजा गया. अनुमोदन प्राप्त होते ही उसे आवास योजना का लाभ दिया जायेगा. मोहली को वृद्धा पेंशन देने के लिए उसके उम्र का मिलान किया जा रहा है. इसके अलावा शौचालय, राशन कार्ड, बकरी पालन के लिए शेड आदि के लिए मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक व जेएसएलपीएस के कर्मियों को दिशा-निर्देश दिया गया है.