Loading election data...

Kanpur News: SIT ने 37 साल बाद हैलट अस्पताल से लिए 250 घायलों के दस्तावेज, जानें पूरा मामला

एसआईटी ने 37 साल बाद हैलट अस्पताल से 250 घायलों का दस्तावेज लिया है. रिकॉर्ड सेक्शन के विवेचक सुवेन्द्र यादव को पुलिस अधीक्षक की ओर से पत्र भी दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2021 4:46 PM

Kanpur News: सिख दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने 37 साल बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल से घायलों और मृतकों का रिकॉर्ड लिया है. अधिकारी 31 अक्टूबर 1984 से 15 नवंबर 1984 के मेडिको-लेगल मामलों के सभी रिकॉर्ड ले गए हैं. इमरजेंसी में इलाज के बाद घर चले गए लोगों के नाम पत्र लिए गए हैं. कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की एसआईटी जांच कर रही है, जो विभिन्न पहलुओं पर अपनी रिपोर्ट बना रही है. इसी कड़ी में दंगे के लिए गठित विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) के अधिकारी मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड सेक्शन गए और वहां से दस्तावेज मांगे. रिकॉर्ड सेक्शन के विवेचक सुवेन्द्र यादव को पुलिस अधीक्षक की ओर से पत्र भी दिया गया.

बताया जा रहा है कि रजिस्टर में दर्ज मरीजों के नाम और भर्ती मरीजों की फाइल का मिलान किया गया है. 250 फाइलों को खंगाला गया है. यह सभी फाइलें कानपुर नगर के पते पर थी. बताया जा रहा है कि अधिकारी उन 15 दिनों के अंदर अस्पताल में आए सभी घायलों और मृतकों की सूची ले गए, उनका ब्यौरा भी लिया गया है. हैलट के प्रमुख अधीक्षक प्रोफेसर आर के मौर्या का कहना है कि सभी रिकॉर्ड सुरक्षित हैं. एसआईटी को उपलब्ध सभी जानकारी दे दी गई है.

Also Read: IND vs NZ: कानपुर टेस्ट के दौरान गुटखा खाते युवक का फोटो वायरल, लोग बोले- भाभी घर के अंदर नहीं जाने दे रही
क्या हुआ था 1984 में

वर्ष 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों के दौरान शहर में 127 सिखों की हत्या हुई थी. उस दौरान दर्ज हुए हत्या, लूट व डकैती के 40 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिसमें से 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी थी. दो वर्ष पूर्व शासन ने एसआईटी गठित कर इन मामलों की जांच शुरू कराई थी. बाद में एसआइटी को थाने का भी दर्जा दिया गया था. टीम ने विभिन्न जिलों व राज्यों में रह रहे पीड़ित परिवारों के पास जाकर उनके बयान भी दर्ज किए थे.

Also Read: IND Vs NZ मैच के दौरान गुटखा खाने की तस्वीर हुई थी वायरल, अब युवक को तलाश रही कानपुर पुलिस

(रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर)

Next Article

Exit mobile version