Loading election data...

Aligarh News: 8 साल बाद ईरानी छात्र के उत्पीड़न मामले में एएमयू प्रोफेसर को 1 साल की सजा, अब जाएंगे HC

साल 2014 में एएमयू के व्यवसाय प्रबंधन विभाग में एक ईरानी शोध छात्रा ने विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. निचली अदालत ने प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को क्लीन चिट दे दी थी. बाद में एडीजे तृतीय न्यायालय में विदेशी छात्रा ने अपील दायर की.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2022 3:58 PM

Aligarh News: ईरानी शोध छात्रा को द्विअर्थी मैसेज भेजने, बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने, हाथ पकड़ने, छेड़छाड़ करने के मामले में 8 साल पहले बरी हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को अलीगढ़ की एडीजे तृतीय न्यायालय ने दोषी ठहराया है. उन्‍हें 1 साल के कारावास के साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश द‍िया गया है.

जानें क्‍या है पूरा मामला…

साल 2014 में एएमयू के व्यवसाय प्रबंधन विभाग में एक ईरानी शोध छात्रा ने विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. निचली अदालत ने प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को क्लीन चिट दे दी थी. बाद में एडीजे तृतीय न्यायालय में विदेशी छात्रा ने अपील दायर की. एडीजे तृतीय राजेश भारद्वाज की अदालत ने विदेशी छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एएमयू प्रोफेसर को दोषी ठहराया और 1 साल के कारावास संग 10,000 रुपए जुर्माने से दंडित भी किया.

Also Read: Aligarh News: AMU के सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र की गिरफ्तारी के लिए वीडियो ट्वीट करने वाले पर मुकदमा दर्ज
मिली जमानत, करेंगे हाईकोर्ट में अपील…

एएमयू के प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा ने ‘प्रभात खबर’ को बताया कि 3 साल से कम सजा होने के चलते अदालत ने जमानत मंजूर कर ली है. अब जल्द ही मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर की जाएगी. 8 साल पहले शुरू हुए इस मामले में विभागीय रंजिश के कारण फंसाया गया है. जब निचली अदालत व एएमयू ने पूर्व में ही उक्त मामले से क्लीन चिट दे दी थी, तो अब इस मामले को फिर बेवजह तूल देना रंजिश लगता है.

Also Read: Aligarh: रेप पर विवादित पाठ बढ़ाने वाले AMU के प्रोफेसर की बढ़ी मुश्किलें, पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया
ईरानी शोध छात्रा ने लड़ी लंबी लड़ाई

एएमयू के व्यवसाय प्रबंधन विभाग में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की शोध छात्रा ने 2013 में एडमिशन लिया था. अक्टूबर 2013 से ईरानी छात्रा ने प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा के अंडर में शोध शुरू किया. 7 मई 2014 को ईरानी शोध छात्रा ने एसएसपी से मुलाकात की और असिस्टेंट प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा पर आरोप लगाए कि प्रोफेसर मोबाइल पर डबल मीनिंग वाले मैसेज भेजते हैं और ब्‍वॉयफ्रेंड के बारे में पूछते हैं. चेंबर में बुलाकर हाथ पकड़ने, मजाक उड़ाने व निजी समस्याएं पूछते हैं. छात्रा ने 8 मई 2014 में धारा 354 क व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया. मामले में उस समय प्रोफेसर बिलाल को सस्पेंड कर दिया गया था. बाद में निचली अदालत ने प्रोफेसर बिलाल मुस्तफा को क्लीन चिट दे दी थी.

र‍िपोर्ट : चमन शर्मा

Next Article

Exit mobile version