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टमाटर के बाद मसालों ने बिगाड़ा सब्जियों का जायका, 40 फीसदी हुए महंगे, जानें क्यों गड़बड़ हो रहा किचन का बजट

देश में महंगाई ने आम आदमी के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. टमाटर, और हरी सब्जियों की बढ़ती महंगाई से लोग पहले ही बेहाल थे. मगर, अब सूखे मसालों की बढ़ती महंगाई ने सब्जियों का जायका बिगाड़ दिया है.

Bareilly : आम आदमी का महंगाई पीछा नहीं छोड़ रही है. टमाटर, और हरी सब्जियों की बढ़ती महंगाई से लोग पहले ही बेहाल थे. मगर, अब सूखे मसालों की बढ़ती महंगाई ने सब्जियों का जायका (स्वाद) बिगाड़ दिया है. इससे आम लोगों के किचन का बजट बिगड़ने वाला है. सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले सूखे मसालों की कीमत करीब 40 फीसद तक बढ़ी हैं. सब्जी मंडी से लेकर बाजार तक में टमाटर की कीमत कम नहीं हो रही हैं. यह अभी भी 100 रूपये से अधिक हैं, तो वहीं हरा धनिया की कीमत भी 200 रूपये किलो से अधिक हैं.

इसके साथ ही अन्य हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे थे. हालांकि, महंगे टमाटर के दाम से आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने बरेली सब्जी मंडी में कम दाम के स्टाल लगवाएं हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से टमाटर की आवक बढ़ाई जा रही है. जिससे बड़े बरेली समेत प्रमुख शहरों में टमाटर की कीमत 100 रुपए प्रति किलो से नीचे रहें, लेकिन अब आम लोगों के किचन का बजट और बिगड़ने लगा है.

सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले सूखे मसाले की कीमतें भी महंगी हो गई हैं. जो सूखे मसाले खाने में तगड़ा लगाते हैं, वो अब किचन का बजट बिगाड़ रहे हैं. मसालों के कारोबारी बता रहे हैं कि सूखे मसालों के कीमत में 40 फीसदी की बढ़त हुई है.

जानें क्यों बढ़े मसालों के दाम

बरेली में मसालों के कारोबारी रजत अग्रवाल का कहना है कि मसालों की कीमत में बढ़ोतरी की वजह सूखे मसालों की आवक कम हुई है. इसके साथ ही डिमांड (मांग) में तेजी आई है. बारिश,और पर्यावरण में बदलाव की वजह से भी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

40 फीसद महंगे मसालों से जल्द मिलेगी राहत

मसाला कारोबारी का कहना है कि यहां सूखे मसालों की कीमतों में 30 से 40 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला है.सबसे अधिक कीमत जीरे की बढ़ी हैं. इसके अलावा सूखी हल्दी की कीमत में भी 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.हालांकि, कारोबारियों का मानना है कि बहुत जल्द महंगे दाम से राहत मिलेगी. ये सभी दाम थोक बिक्री के हैं और रिटेल में दुकानदार अपना मार्जिन लगाकर सूखे मसाले बेचते हैं.

जानें थोक मार्केट में मसालों की कीमत

मसालों की कीमत मार्च- अप्रैल में ठीक थीं. मगर, अप्रैल में जीरा 300 रूपये किलो था, जो अब 700 रूपये किलो हो गया है. हल्दी 100 से 160 रूपये किलो, सौंफ 250 से 400 रूपये किलो, लौंग 650 से 1200 रूपये किलो, छोटी इलाइची 800 से 1400 रूपये किलो, बड़ी इलाइची 600 से 900 रूपये किलो तक पहुंच गई है.

आंध्र प्रदेश से मिर्च की सप्लाई, केरल में सबसे अधिक उत्पादन

देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह के मसालों की खेती की जाती है. मिर्च के लिए आंध्र प्रदेश सबसे अधिक प्रसिद्ध है. काली मिर्च के लिए कर्नाटक का नाम नंबर वन पर आता है. हरा धनिया उगाने में मध्य प्रदेश नंबर वन रहता है, तो जीरा उगाने में गुजरात. लेकिन कुल मिलाकर बड़े स्केल पर देखा जाए तो केरल हमारे देश का वो राज्य है, जहां सबसे अधिक मात्रा में मसालों को उत्पादन होता है.

दुनिया में भारत अगर लैंड ऑफ स्पाइस है. तो इसमें केरल को भारत का लैंड ऑफ स्पाइस कहा जाता है. दुनिया में सबसे अधिक मसाले भारत में पैदा होते हैं और भारत के अंदर सबसे अधिक मसाले केरल में पैदा होते हैं. केरल समुद्र तट पर बसा राज्य है. इस कारण यहां सदियों से विदेशी लोग मसालों की खरीद के लिए आते रहे हैं. अब भी केरल से सबसे अधिक मात्रा में मसाले दुनियाभर में भेजे जाते हैं. केरल के शहर कोच्चि का पोर्ट, तो दुनिया में मसालों के ट्रेड के लिए ही फेमस है.

कम नहीं हुए सब्जियों के दाम, जानें रेट

बरेली में हरा धनिया से टमाटर अधिक महंगा हो गया है.बरेली में हरा धनिया 150 रूपये किलो बिक रहा है, जबकि टमाटर की कीमत 130 रूपये किलो रह गई है. टमाटर की बढ़ी कीमतों को लेकर सरकार भी फिक्रमंद है. जिसके चलते टमाटर के दाम नीचे लाने की कोशिश चल रही है. मगर, बाकी सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं.

बरेली डेलापीर मंडी में गोभी 70 रूपये किलो, हरी मिर्च 80 से 90 रूपये किलो, भिंडी 35 से 50 रूपये किलो, तुरई 40 से 50 रूपये किलो, अर्बी 35 से 40 रूपये किलो, कटहल 25 रूपये, गंगा फल 18, नया आलू 20, और शिमला मिर्च 28 रूपये किलो तक बिक रही है.

मंडी समिति ने लगाया कैंप

बरेली के साथ-साथ देश भर में टमाटर की महंगाई को लेकर हाहाकार मचा है. मगर, बरेली में बीच में बीच सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक बरेली कृषि उत्पादन मंडी समिति के गेट पर कैंप लगाकर 75 रूपये किलो के दाम में टमाटर की बिक्री की गई. सस्ते दाम में टमाटर मिलने की सूचना गेट पर नोटिस चस्पा कर दी जाती है. मंडी समिति कई बार सस्ते दाम पर टमाटर बेच चुकीं है. बरेली डेलापीर मंडी समिति के अध्यक्ष शुजा उर्ररहमान ने बताया की मंडी समिति में सस्ते दामों पर कैंप लगाकर आगे भी टमाटर बेचे जाएंगे. कोई भी ग्राहक आकर खरीद सकता है.

दालों ने बिगाड़ा बजट

महंगाई से आम आदमी परेशान हो चुका है.हरी सब्जियों के बाद दाल की कीमतें भी काबू से बाहर होने लगीं हैं. बरेली के बाजार में 80 से 100 रूपये किलो तक बिकने वाली अरहर की दाल की थोक कीमत में 145 से 150 रूपये किलो तक हो गई है. यह रिटेल में 165 से 175 रूपये किलो तक है. इसके साथ ही 70 से 80 रूपये किलो तक बिकने वाला चना. अब 100 से 110 रूपये किलो तक बिक रहा है. लाल मिर्च 280 से 350 रूपये किलो तक पहुंच गई है.

इसके अलावा मूंग, उर्द, मसूर आदि दालों की कीमत में भी इजाफा हुआ है. इसके साथ हिंग भी महंगा हो गया है. साथ ही सावन के महीने में हिंदू समाज के लोग व्रत रखते हैं. जिसके चलते फलों की मांग बढ़ गई है. बरेली में सावन के चलते सेव, केला, आम समेत सभी फलों के दाम में इजाफा हुआ है.

बरेली में बेंगलुरु से आता है टमाटर

सब्जी विक्रेता अशफाक ने बताया कि पहले टमाटर यूपी के कई जिलों के साथ दिल्ली, राजस्थान से भी आता था. खर्चा कम लगने के कारण दाम भी सस्ता था, लेकिन अब बेंगलुरु, मुंबई से आ रहा है. बारिश की वजह से काफी फसलें खराब हुई हैं. इसकी वजह से टमाटर के दाम में तेजी से आई है. टमाटर जल्दी खराब हो जाता है. बारिश में इसके और जल्दी खराब होती है. 2 कैरेट टमाटर में आधा कैरेट खराब निकल जाता है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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