हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष 9वें महीने के रूप में अगहन मास आता है, जिसे मार्गशीर्ष भी कहा गया है. यह पूरा मास भगवान श्रीकृष्ण के नाम होता है. जिस तरह हिंदू पंचांग के बाकी सारे महीनों का अलग-अलग महत्व है, वैसे ही अगहन मास भी एक अलग ही महत्व रखता है. 20 नवंबर से मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो चुका है. इस माह को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि माघ महीने में कुछ कामों को करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं.
अगहन मास में जरूर करें ये कार्य
श्रीकृष्ण को पाना तो हर कोई चाहता है मगर उसका मार्ग क्या है यह किसी को नहीं पता है. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी गोपियों को यह मार्ग दिखाया था. श्रीकृष्ण को पाने का मार्ग अत्यंत सरल है. आपके मन में प्रेम होना चाहिए और अगहन मास में यमुना नदी में स्नान करना चाहिए.
इस विशेष महीने में नियमित आपको अपने स्नान करने वाले पानी में तुलसी के पत्ते डालकर स्नान करना चाहिए. साथ ही आपको गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.
अगहन मास में दान-पुण्य का विशेष महत्व है. दान किसे करना है, किस वस्तु का दान करना है और कितनी मात्रा में करना यह आपकी श्रद्धा और आस्था पर निर्भर करता है.
श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें
अगहन महीने में हर दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करनी चाहिए. क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र बोलते हुए शंख से अभिषेक करें। इसके बाद वैजयंती के फूल, तुलसी पत्र और मोरपंख चढ़ाएं. पीले चमकीले वस्त्र पहनाएं. सुगंधित चीजें चढ़ाएं और पीली मिठाई या माखन मिश्री का नैवेद्य लगाएं। इस तरह श्रीकृष्ण की पूजा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं.
इन बातों का विशेष ध्यान रखें
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आलस्य, क्रोध आदि न करें. किसी की चुगली न करें और न ही किसी का अपमान करें.
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शराब, मांस मीट आदि से पूरी तरह से परहेज करें.
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इस माह में दही और जीरे का सेवन भी निषेध माना गया है.
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जितना संभव हो जरूरतमंदों को दान करें. दान करने से आपके तमाम पाप कट जाते हैं.
Posted By: Shaurya Punj