18.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chandra Darshan 2022: अगहन के शुक्ल पक्ष में कल होगा चंद्र दर्शन, जानें पूजा विधि एवं महत्व

Chandra Darshan 2022: अगहन के शुक्ल पक्ष के दिन चंद्रमा के दर्शन करने से काफी शुभ फलों की प्राप्ति होती है.पंचांग के अनुसार नवंबर महीने में कब होगा चंद्र दर्शन और क्या है इसकी पूजा का महत्व और उपाय, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.

Chandra Darshan 2022:  अगहन में शुक्ल पक्ष को चंद्र दर्शन आज 25 नवंबर 2022 यानी कि शनिवार को मनाया जा रहा है. प्रतिमाह अमावस्या की तिथि समाप्त होने के बाद शुक्ल पक्ष में चंद्र दर्शन मनाया जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से काफी शुभ फलों की प्राप्ति होती है.पंचांग के अनुसार नवंबर महीने में कब होगा चंद्र दर्शन और क्या है इसकी पूजा का महत्व और उपाय, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.

नवंबर माह में कब होगा चंद्र दर्शन

दिनांक : 25 नवंबर 2022, शुक्रवार
समय : सायंकाल 05:24 से 06:31 बजे तक
कुल अवधि : 01:07 मिनट्स

खीर का भोग लगाएं

ध्यान रहे कि पूजन करते समय घी के दिए का ही इस्तेमाल करें. इसके बाद पंचामृत से अर्घ्य देकर. चन्दन की माला से 108 बार चंद्रमा के मंत्र का जाप करें. भोग लगाने के बाद इसे किसी महिला को दे दें और उसे इसे प्रसाद के तौर पर लोगों को बांटने को कहें.

इस मंत्र का करें पाठ

चंद्र दर्शन पर भगवान चंद्रमा की पूजा समय ‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात॥’ मंत्र पाठ करें.

चंद्र दर्शन की पूजा कैसे करें

चंद्र दर्शन वाले दिन चंद्र देवता की पूजा करने के लिए सबसे पहले शाम के समय स्नान करें और उसके बाद चंद्र देवता को दूध एवं शुद्ध जल से अर्घ्य दें. इसके बाद चंद्र देवता को धूप-दीप आदि से पूजा करें और गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं. चंद्र देवता की कृपा पाने के लिए चंद्र दर्शन की पूजा में उनके मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नम:’ अथवा चंद्र गायत्री मंत्र ‘ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्’ का अधिक से अधिक जप करें.

चंद्र देव की उपासना के वैदिक मंत्र

ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।

चंद्र देव की उपासना का पौराणिक मंत्र

दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।

बीज मंत्र

ऊॅँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि prabhatkhabar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें