बच्चियों को चप्पल से पीटने वाली आगरा के बाल गृह की अधीक्षिका गिरफ्तार, कर्मचारियों ने भी लगाए गंभीर आरोप
बच्चों को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह एक्शन लिया गया है. मंडलायुक्त के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज होते ही शाहगंज पुलिस ने अधीक्षिका को गिरफ्तार कर लिया .
आगरा. राजकीय बाल गृह में बच्ची को चप्पल से पीटने के मामले में निलंबित की गईं बाल सुधार गृह की अधीक्षिका पूनम पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई. बच्चों को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह एक्शन लिया गया है. मंडलायुक्त के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज होते ही शाहगंज पुलिस ने अधीक्षिका को गिरफ्तार कर लिया . अधीक्षिका पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति का भी गठन किया गया है.
आगरा के पंचकुइयां क्षेत्र में राजकीय बाल गृह की अधीक्षिका पूनम पाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में पूनम पाल बेड पर सो रही एक बच्ची को चप्पल से पीटते हुए दिख रही थी. वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी भानु चंद गोस्वामी ने पूनम पाल को उनके पद से हटा दिया. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया.
Also Read: UP News : कक्षा चार के छात्र की पिटाई कर हड्डी तोड़ने वाले अध्यापक, प्रबंध समिति के खिलाफ एफआईआर
मंडलायुक्त के आदेश पर हुआ एक्शन
आगरा की मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने पूनम पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश दिए थे. इसके बाद रात को शाहगंज थाने में पूनम पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया. गुरुवार दोपहर को शाहगंज पुलिस ने अधीक्षक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. दूसरी तरफ पूनम पाल द्वारा बच्ची को पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद अब वीडियो लीक करने वाले की तलाश की जा रही है. बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने बाल गृह के कर्मचारियों से रात को पूछताछ की और उनके मोबाइल की तलाशी ली.
बाल गृह की आया और रसोइया ने सुनाई बच्चों पर जुल्म की दास्तां
बाल गृह की आया कविता कर्दम, बेबी, दीपाली और रसोइया सुनीता ने अधीक्षिका पर बच्चों के साथ मारपीट करने और कर्मचारियों को परेशान करने के साक्ष्य सहित गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारियों ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अधीक्षिका की लापरवाही और बच्चों के प्रति असंवेदनहीनता के चलते अक्सर बच्चे बीमार रहते थे. आए दिन बच्चों को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती करना पड़ता है. उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर नहीं भेजा जाता. रूद्र नाम का एक बच्चा एक महीने तक एसएन में वेंटिलेटर पर रहा लेकिन उसे भी हायर सेंटर नहीं भेजा गया.