Agra News: ताजनगरी में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने एक बड़ी मांग कर दी है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें जामा मस्ज़िद में भागवत कथा करनी है. कांग्रेस नेता द्वारा हैदराबाद की चारमीनार को खोलने और उसमें नमाज पढ़ने की मांगी गई इजाजत को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने ये मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि नमाज की अनुमति दी गई तो हम भी जामा मस्जिद में भागवत कथा कराने की मांग करेंगे.
आगरा आए देवकीनंदन ठाकुर ने मथुरा व काशी में चल रहे मंदिर और मस्जिद के विवाद को लेकर कई बिंदुओं पर विस्तार से अपनी बात रखी. ज्ञानवापी ‘मस्जिद है या मंदिर’ इसको लेकर इन दिनों चल रहे विवाद के बीच 1991 पूजा स्थल (विशेष अधिनियम) एक्ट को लेकर भी अलग-अलग धर्मों के धर्म गुरुओं में बयान बाजी देखी जा रही है. वहीं इस कानून को चुनौती देते हुए कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली है. जिसमें से एक नाम ब्रज क्षेत्र के प्रमुख संत देवकीनंदन ठाकुर का भी है.
कमला नगर स्थित एक आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक देश है और यहां पर किसी भी विवाद या समस्या को नियम पूर्वक हल के लिए कोर्ट के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं. यदि ऐसा नहीं होता है तो लोकतंत्र पर भीड़ तंत्र हावी हो जाएगा. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को मथुरा और काशी के मामलों में कानूनी तरीके से कार्रवाई करनी चाहिए और उसका जो भी फैसला आएगा वह हमें मंजूर है.
हैदराबाद में चारमीनार स्मारक पर नमाज अदा करने की अनुमति मांगी जाने पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि ऐसा न करें. यदि आप ऐसा करेंगे तो फिर हम सनातनी हिंदू जामा मस्जिद में श्रीमद् भागवत कथा करने की अनुमति मांगेंगे. फिर आपको भी तकलीफ होगी. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जिस तरह से भड़काऊ भाषण देकर समाज को भड़काने का काम करते हैं, उसे देखते हुए मैं सरकार से मांग करता हूं कि उनकी राजनीति पर आजीवन प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
ज्ञानवापी विवाद के बाद एक विशेष धर्म से जुड़े गुरुओं की हुई सभा को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि हम अपना देश छोड़ कर कहाँ जाए. हम हिंदुओं का तो सिर्फ यही एक देश है. अगर छोड़कर जाना है तो वे लोग छोड़कर चले जाएं उनके पास तो उनके धर्म के 56 देश हैं. वास्तव में इन धर्मगुरुओं को समस्या का हल नहीं चाहिए बल्कि वे समाज को भड़काना चाहते हैं.
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि ज्ञानवापी शब्द से ही मालूम पड़ता है कि हमारे शिव का मंदिर है. हमारे साथ कितना बड़ा अन्याय हो रहा है कि शिव का प्रतीक शिवलिंग पर यह लोग वजू करते रहे. ऊपर से हमें ही धमकाया जा रहा है. ये लोग कानून को न मानकर शरीयत से चलने की बात कह रहे हैं. ऐसे लोगों पर सुप्रीम कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए.