मोबाइल चोर बताकर युवक को थर्ड डिग्री दी, आरोपी दरोगा के खिलाफ अब जांच होगी
आगरा पुलिस के एक दरोगा पर एक युवक को मोबाइल लूट के शक में थर्ड डिग्री देने और रिश्वत मांगने का आरोप लगा. यह आरोप आगरा के ताजगंज के बसई चौकी इंचार्ज मोहित शर्मा पर लगे हैं.
आगरा : आगरा में पुलिस पर एक बार फिर से बदनामी का आरोप लगे हैं. आगरा पुलिस के एक दरोगा पर एक युवक को मोबाइल लूट के शक में थर्ड डिग्री देने और रिश्वत मांगने का आरोप लगा. यह आरोप आगरा के ताजगंज के बसई चौकी इंचार्ज मोहित शर्मा पर लगे हैं. इससे पहले भी चौकी इंचार्ज आरोपों में घिर चुके हैं. लेकिन उस मामले को अधिकारियों द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. वहीं अब इस मामले के बाद पीड़ित की मां ने अधिकारियों से शिकायत की है. जिसके बाद डीसीपी सिटी ने इस मामले की जांच एसीपी सदर अर्चना सिंह को सौंप दी है और 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
नाबालिग को किया टार्चर
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना ताजगंज के तेलीपाड़ा की रहने वाली मीना का आरोप है कि उनका 17 साल का बेटा 25 सितंबर की देर रात भतीजी की तबीयत खराब होने पर अपने दोस्त के साथ खेरिया मोड़ पर दवा लेने गया था. वापस लौटते समय फतेहाबाद रोड सपा कार्यालय के पास बसई चौकी प्रभारी मोहित शर्मा ने उसे पकड़ लिया. बेटे ने बताया कि वह मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है तो दरोगा मोबाइल चोर होने का आरोप लगाकर मारते हुए उसे चौकी ले गए. वहीं महिला ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को चौकी में थर्ड डिग्री दी गई और उसे करंट लगाया गया. साथ ही रात भर थाने पर रखकर प्रताड़ित किया गया.
मीना ने बताया कि जब वह अपने बेटे के बंद होने की जानकारी पर थाने गई तो दरोगा ने उनसे ₹50000 की रिश्वत मांगी. पैसे ना होने की बात कहने पर उसने उनके बेटे के मोबाइल पर व्हाट्सएप कर कर पैसे मांगे. वहीं सादा कागज पर उनसे साइन करवा लिए और चिकित्सीय परीक्षण के बाद उनके बेटे को छोड़ दिया.
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लूट की सूचना पर 112 हेल्पलाइन गाड़ी ने पकड़ा
बसई चौकी इंचार्ज मोहित शर्मा ने बताया कि लूट की सूचना पर 112 हेल्पलाइन गाड़ी ने युवक को पकड़ा था. हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इसके बाद उसे थाने पर भेज दिया गया था. युवक को छोड़ने के लिए शहर के कई सभ्रांत लोगों द्वारा जिम्मेदारी लेने पर उसे छोड़ दिया गया. थाना परिसर में मोबाइल नेटवर्क ना मिलने पर उसके परिजनों से व्हाट्सएप कॉल पर बात की थी. पैसे मांगने या मारपीट के आरोप गलत हैं.
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इस बार फिर से डीसीपी ने एसीपी सदर अर्चना सिंह को युवक को थर्ड डिग्री देने के आरोपी की जांच करने की जिम्मेदारी दी है. और 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा है.