यूपीः CSJMU और IIT कानपुर के बीच हुआ करार, जल्द होगी ड्रोन लैब की स्थापना
आईआईटी में बड़े स्तर पर ड्रोन सेक्टर पर शोध हो रहा है. प्रो. राजीव सिन्हा ने कहा कि इस समझौते के तहत छात्रों-शिक्षकों को ड्रोन तकनीक के प्रोफेशनल इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी. छात्र IIT आकर भी लैब देख सकते हैं.
कानपुरः छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में अब ड्रोन लैब को स्थापित किया जाएगा. जहां पर छात्र-छात्राओं को ड्रोन विशेषज्ञ बनाया जाएगा. यह लैब आईआईटी कानपुर की देखरेख में स्थापित की जाएगी. साथ ही IIT के वैज्ञानिक छात्र छात्राओं को ड्रोन की बारीकियां समझाने के साथ ही उनको प्रशिक्षण भी देंगे. इसको लेकर विवि और आईआईटी के बीच एक समझौता भी हुआ है. विवि के सेंटर ऑफ एकेडमिक्स में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और आईआईटी के अर्थ साइंस विभाग के प्रो. राजीव सिन्हा ने समझौते पर हस्ताक्षर किया.
छात्रों को बनाना है आत्मनिर्भर
प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि विवि सामान्य व प्रोफेशनल स्नातक व परास्नातक कोर्स के साथ छात्र-छात्राओं को वोकेशनल प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर व हुनरमंद बना रहा है. इसी क्रम में कैंपस में संचालित कृषि पाठ्यक्रम में पहली बार ड्रोन का प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है. ड्रोन को लेकर छात्रों के बीच बढ़े रुझान को देखते हुए सभी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण की सुविधा देने की तैयारी है.
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आईआईटी में बड़े स्तर पर ड्रोन सेक्टर पर शोध हो रहा है. प्रो. राजीव सिन्हा ने कहा कि इस समझौते के तहत छात्रों-शिक्षकों को ड्रोन तकनीक के प्रोफेशनल इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी. छात्र आईआईटी आकर भी लैब देख सकते हैं. इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, प्रो. नीरज कुमार सिंह, डॉ. विशाल शर्मा आदि मौजूद रहे.
42 फीसदी हरा-भरा है विवि का कैंपस
सीएसजेएमयू कैंपस का 42 फीसदी हिस्सा हरा-भरा है. सिर्फ 25 फीसदी क्षेत्र में कंक्रीट का जाल फैला है. कैंपस में अभी 26 फीसदी क्षेत्र ऐसा है, जहां हरियाली की पर्याप्त संभावना है.यह जानकारी विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने दी. उन्होंने बताया कि आईआईटी की टीम ने विवि कैंपस का ड्रोन सर्वे कर यह रिपोर्ट तैयार की है. विवि कुलपति ने आईआईटी कानपुर से कैंपस का ड्रोन सर्वे कराया है. कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि विवि पहला संस्थान है, जिसने ड्रोन सर्वे कराया है. यह भविष्य की जरुरत है और आने वाले समय में निर्माण या संस्थान के विस्तार में मददगार होगा.