Ahoi Ashtami 2023: आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है, इस दिन अहोई अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. अहोई अष्टमी का त्योहार 5 नवंबर दिन रविवार यानी आज है. इस दिन माताएं अपने पुत्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जबकि निःसंतान महिलाएं भी पुत्र कामना के लिए यह व्रत रखती हैं. यह व्रत कठोर व्रतों में से एक होता है. इस दिन अहोई माता के साथ-साथ स्याही माता की भी पूजा का विधान है. इस दिन महिलाएं शाम को अहोई माता की पूजा करती हैं और तारे देखने पर व्रत खोलती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है, जिसमें रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. अहोई अष्टमी पर पूजन का समय आज शाम 5 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. पूजन के लिए आपको शुभ समय 1 घंटा 19 मिनट मिलेगा, इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. पूजा करने या कथा सुनने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं.
आल अष्टमी तिथि है. अष्टमी तिथि की शुरुआत हो चुकी है. अष्टमी तिथि का समापन 6 नवंबर यानी कल सुबह 3 बजकर 18 मिनट पर होगा. अहोई अष्टमी का व्रत तारों को अर्घ्य देकर खोला जाता है. आज तारों के निकलने का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट रहेगा, इसके बाद व्रती महिलाएं अहोई माता की पूजा करने के बाद शाम को तारे देखकर पारण कर सकेंगी.
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अहोई अष्टमी के दिन स्नान कर देवी का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें.
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अहोई माता की पूजा के लिए दीवार या कागज पर गेरू से अहोई माता और उनके सात पुत्रों का चित्र बनाएं.
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फिर रोली, चावल और दूध से पूजन करें.
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अहोई अष्टमी की पूजा विशेषकर शाम के समय यानी सूर्यास्त के बाद ही होती है.
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शाम के समय अहोई माता के चित्र के सामने एक चौकी पर जल से भरा करवा (कलश) रख दें.
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इस करवा की नोक को एक विशेष घास से बंद करें.
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इसके बाद कलश में जल भरकर अहोई अष्टमी कथा का श्रवण करें.
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अहोई माता को पूरी और किसी मिठाई का भोग लगाएं.