Gorakhpur: गोरखपुर एम्स में जुलाई से परास्नातक (पीजी) की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. एम्स के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा के मुताबिक परास्नातक के छात्रों को पढ़ाने के लिए विदेश से शिक्षकों को बुलाया गया है. परास्नातक की 16 सीटों की अनुमति मिली है, इसे और बढ़ाने की कोशिश एम्स प्रशासन कर रहा है. इन सीटों पर पढ़ाई जुलाई माह से शुरू हो जाएगी.
विदेशों के अनेक देशों में शिक्षकों को छह साल के बाद एक साल का अवकाश मिलता है. उन शिक्षकों से अनुबंध करके अपने अवकाश का उपयोग गोरखपुर एम्स के छात्र को पढ़ाने के लिए किया गया है.अभी क्लीनिकल विभागों में ही पीजी की सीटें स्वीकृत हुई हैं.
गोरखपुर एम्स में पीजी के किए पीडियाट्रिक, ऑर्थोपेडिक, जनरल सर्जरी, मेडिसिन, डर्मेटोलॉजी सहित कई विभाग के 16 सीटों की अनुमति मिली है. इससे हर वर्ष एम्स को 16 रेजिडेंट डॉक्टर मिल सकेंगे. बताते चलें एम्स में सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों की कमी को है. इसे दूर करने के लिए कई अहम फैसले किए गए हैं.
गोरखपुर एम्स के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा सोमवार को गोरखपुर पहुंच गए थे. उन्होंने पिछले तीनों दिनों तक अलग-अलग विभागों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य गणेश कुमार, एमएमयूटी के कुलपति, कमिश्नर, डीएम और एडीजी के साथ बैठक की.
एम्स में पीजी के छात्रों को पढ़ाने के लिए विदेश के प्रीमियर इंस्टिट्यूट के शिक्षकों को बुलाया जा रहा है. इसके लिए एम्स प्रशासन ने अपने नियमों में छूट देने का फैसला भी किया है, जिससे उन्हें लंबे समय तक रहने का बॉन्ड नहीं भरना पड़ेगा. शिक्षक ऐसे ही एक साल तक गेस्ट टीचर के तौर पर पढ़ा सकेंगे. गोरखपुर एम्स में सबसे बड़ी परेशानी शिक्षकों को लेकर रही है. यहां प्रोसेसर और एडिशनल प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली हैं. कई विभागों में सीनियर डॉक्टरों के पद खाली पड़े है.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर