कोलकाता : हुगली जिला में स्थित फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी बेहद नाराज हैं. ओवैसी ने कहा है कि सही वक्त पर वह पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी की रणनीति का खुलासा करेंगे.
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के कोलकाता स्थित ब्रिगेड परेड ग्राउंड में कांग्रेस-लेफ्ट की रैली में शामिल होने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख ओवैसी ने कहा, ‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया.’
दरअसल, ओवैसी ने बंगाल में अपनी पार्टी की कमान पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के हाथों में सौंपी थी. उन्होंने कहा था कि पीरजादा जैसे कहेंगे, उनकी पार्टी उसी तरह से बंगाल में आगे बढ़ेगी और विधानसभा के चुनाव लड़ेगी.
बाद में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने अपनी अलग पार्टी बना ली. नाम रखा – इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ). आइएसएफ अब बंगाल में कांग्रेस-वामदलों के गठबंधन संयुक्त मोर्चा का हिस्सा बन चुका है. हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक पूरी तरह से आइएसएफ को स्वीकार नहीं किया है.
अब्बास सिद्दीकी ने गठबंधन के तहत आइएसएफ के लिए 30 सीटें छोड़ने वाली वाम मोर्चा के उम्मीदवारों को पूरा समर्थन देने का एलान किया. ब्रिगेड रैली से अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि वाम मोर्चा के उम्मीदवारों को जिताने के लिए वह अपना रक्त तक बहा देंगे.
Also Read: AIMIM चीफ ओवैसी की तरह कहीं के नहीं रहेंगे लालू के लाल RJD नेता तेजस्वी यादव?
हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के बारे में कुछ भी नहीं कहा. इशारों-इशारों में उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला. मंच पर बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की उपस्थिति में अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि आइएसएफ भीख नहीं चाहता, अपना अधिकार चाहता है.
'Main akela hi chala tha janib-e-manzil magar, log saath aate gaye aur kaarvan banta gaya'. I'll speak (about party strategy in West Bengal) when the time is right: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on ISF's Abbas Siddiqui sharing stage with Left & Congress in a rally in Kolkata y'day pic.twitter.com/gZfYf3whJl
— ANI (@ANI) March 1, 2021
उल्लेखनीय है कि मालदा और मुर्शिदाबाद की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस के साथ आइएसएफ की तनातनी चल रही है. ब्रिगेड रैली में भी इसका असर साफ देखा गया. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी भी चाहती हैं कि आइएसएफ के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो.
बहरहाल, देखना यह है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों को हराने के लिए वाम मोर्चा की तरह कांग्रेस भी अपनी कुछ सीटें कुर्बान करती हैं, या संयुक्त मोर्चा में सीटों के अंतिम बंटवारे से पहले ही दरार पड़ जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha