UP Election 2022: कानपुर में AIMIM का मुस्लिम वोटर्स को पैगाम- BJP को 150 सीट पर हरवा दो ताकि हमारी पहचान बने
उन्होंने कहा, ‘ओवैसी साहब की रहबरी में हमारा टिकट बन गया है. अखिलेश यादव ने हमारा टिकट काटा था. नफरत थी उन्हें. अखिलेश ने जेल भेजा. जमानत भी कटवाई. अखिलेश को बिना हड्डी का मुसलमान पसंद है.
Kanpur News: कानपुर में रविवार को ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी (एआईएमआईएम) ने रैली आयोजित की. इस दौरान मंच पर माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद के बेटे अली और पत्नी शाइस्ता परवीन ने चुनाव लड़ने से पहले जेल में बंद अतीक का जनता को संदेश सुनाया.
इस बीच पार्टी सुप्रीमो असदद्दुीन ओवैसी ने कहा कि यूपी के चुनाव में आपको अपनी ताकत दिखानी है. हम हिस्सा भी लेगी और यूपी के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, छोटी पार्टियों से बात करें. वक्त बताएगा मजलिस के साथ कौन सी पार्टी आएगी, पांच साल लंबा अरसा होता है एआईएमआईएम पहले से ताकतवर हुई है. तमाम लोगों को हकीकत पता चल जाएगी. अपनी सियासी लीडरशिप बनाना है. हमारा एक ही मकसद है. उन्होंने कहा कि यूपी के मुसलमानों को उनका हिस्सा मिले. लड़ाई मुसलमानों के हक की है जो मुस्लिम वोट बेच रहे हैं.
कानपुर में एआईएमआईएम ने रविवार को एक रैली का आयोजन किया. मंच पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली, राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान, माफिया से सांसद तक की दूरी तय करने वाले एवं वर्तमान में जेल में निरूद्ध अतीक अहमद के बेटे अली और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन मौजूद दिखीं. इस बीच जनसभा में कहा गया कि अतीक अहमद ने अहमदाबाद जेल से एक पैगाम भेजा है. पैगाम शाइस्ता परवीन ने पढ़ा. उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि कानपुर में मुसलमान बहुत हैं. तुम अगर चुनाव लड़ोगे तो जीत जाओगे अतीक अहमद.’
इसके बाद उन्होंने कहा, ‘ओवैसी साहब की रहबरी में हमारा टिकट बन गया है. अखिलेश यादव ने हमारा टिकट काटा था. नफरत थी उन्हें. अखिलेश ने जेल भेजा. जमानत भी कटवाई. अखिलेश को बिना हड्डी का मुसलमान पसंद है. वे मुसलमान नहीं बल्कि उनका वोट चाहते हैं. सीएए हो गया एनआरसी का मुद्दा अखिलेश ने कभी हमारा साथ नहीं दिया.
वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एमआईएम को अखिलेश खत्म होने की बात कहते हैं. मगर वे नहीं जानते कि यादव राजभर का प्रतिशत बहुत कम है. कोई नहीं चाहता कि मुसलमानों की पार्टी बने, हम बीस फीसदी हैं. अखिलेश हमारी पार्टी, झंडा, बैनर, नेता नहीं चाहते. लड़ाई बीजेपी को हराने की नहीं अपना हक हिस्सा लेने की है. अपनी पहचान की है. इत्तेहाद में ताकत है, बरकत होती है. उन्होंने कहा कि दलित इकट्ठा हुए मायावती को सीएम बनाया. हर जाति के पास नेता है, मुस्लिमों का कोई नेता नहीं है. हमने अब तक कोई नेता नहीं बनाया है, ओवैसी साहब हमारे पास हैं.
इसके बाद उन्होंने कहा, ‘जिन्ना शराबी थे. इंग्लैंड में कहा था मैं मुस्लिमों का नेता नहीं वकील हूं. अखिलेश जिन्ना का नाम लेते हैं. उनकी वजह से देश का बटवारा हुआ, मुसलमानों की दुर्गति हुई. कांग्रेस के चलते हमारी प्रगति नहीं हुई. मुसलमानों ने अपना मुस्तकबिल मुलायम सिंह यादव से जोड़ा, जिन्होंने काम नहीं किया बेइज्जत भी नहीं किया.’
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नारे लिखे मुसलमान तुम्हारे लिए कब्रिस्तान या फिर पाकिस्तान है. मुसलमानों ने हर जगह देश का नाम रोशन किया. अमजद अली, जाकिर हुसैन, अब्दुल हमीद, अब्दुल कलाम, हमारे मजहब में मुल्क से वफादारी की बात कही गई है. बीजेपी दशानन है, दस मुंह है. मुस्लिमों को गद्दार कहती है. चीन पाकिस्तान अंदर घुस रहा है, मुस्लिम ब्रिगेड बनाओ चीन बॉर्डर पर भेजो हम बताएंगे कि हम क्या करते हैं. उन्होंने कहा, ’10-20 सीट जीतेंगे लेकिन 150 सीट पर भाजपा को हराएंगे.’ इसी के साथ उन्होंने भाजपा को 150 सीटों पर हरवाने की अपील करते हुए कहा कि 150 सीट पर हरवा दो ताकि हमारी पहचान बन जाए.
रिपोर्ट : आयुष तिवारी