Gorakhpur : शहर के राप्ती नदी किनारे 5 एकड़ में वातानुकूलित मछली बाजार बनने जा रहा है. जो मछली विक्रेताओं के लिए अच्छी खबर है. यह मछली बाजार 50 करोड़ की लागत से तैयार होगा. इसको लेकर मत्स्य विभाग के अधिकारी जमीन की तलाश कर रहे हैं. मछली बाजार के खुल जाने से मछली का व्यापार करने वाले थोक व फुटकर व्यापारियों को काफी फायदा होगा. बाजार वातानुकूलित होने से मछली भी जल्द खराब नहीं होगी. अभी गोरखपुर के महेवा स्थित मंडी में थोक मछली का बाजार है. गोरखपुर शहर के अलग-अलग चौराहा पर फुटकर व्यापारी इसे बेचते हैं.
मत्स्य विभाग अधिकारी राहुल चौरसिया ने बताया कि गोरखपुर में 5 एकड़ में वातानुकूलित मछली बाजार बनने का प्रस्ताव है जो 50 करोड़ की लागत से तैयार होगा. इसके लिए विभाग द्वारा जमीन की तलाश की जा रही है. जल्द ही जमीन चिन्हित कर लिया जाएगा जिसके बाद से इसके निर्माण को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू होगी. उन्होंने बताया कि मछली बाजार खुल जाने से गोरखपुर में मछली मंडी अलग हो जाएगी जहां पर आसपास के जिलों के व्यापारी भी अपना कारोबार कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में हरसंभव बढ़ावा दे रही है. जिसको लेकर सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में मछली पालन को बढ़ावा देने और मत्स्य कारोबारियों को बेहतर सुविधा देने के लिए गोरखपुर के राप्ती नदी के किनारे 5 एकड़ में मछली बाजार बनने का निर्णय लिया गया है. यह मछली बाजार तीन मंजिला बनेगा और साथ ही बाजार पूरी तरह से वातानुकूलित रहेगा.
मछली बाजार में एक ही छत के नीचे मछली पालकों और मछली के व्यापारियों को मछली पालन और व्यापार से संबंधित सभी सुविधा मुहैया होगी. मत्स्य विभाग के अधिकारियों की माने तो मछली बाजार खुल जाने से एक तरफ मछली कारोबारियों को जहां रोजगार मिलेगा वही मछली पालकों की आय भी बढ़ेगी. विभाग की तरफ से दो-तीन जगह पर जमीन चिन्हित कर ली गई है. मत्स्य विभाग के अनुसार पूर्वांचल में मछली का कारोबार वर्ष भर में करीब 200 करोड़ से अधिक का होता है.
गोरखपुर में बनने वाले मछली बाजार में थोक और फुटकर के लिए 100 से अधिक दुकानों का निर्माण होगा. जो मछली पालको और मछली से जुड़े व्यापारियों को दी जाएगी. मछली बाजार खुल जाने से गोरखपुर सहित बगल की कई जिलों के मछली कारोबारियों को इसका लाभ मिलेगा.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर