UP News: मथुरा-वृंदावन की गलियों में बंदरों से निजात दिलाने को बंदूकधारी तैनात, इस वजह से उठाया गया कदम

मदद नहीं मिलने के बाद मथुरा के कई लोगों ने खुद से ही बंदरों से निजात पाने के लिए उपाय अपनाना शुरू कर दिए हैं. चौबिया पाड़ा स्थित गताश्रम टीला विकास समिति द्वारा क्षेत्र से बंदर भगाने का अभियान शुरू हो गया है. यहां गली कोकरान में बंदरों के हमले से बचने के लिए दो बंदूकधारी गार्ड तैनात किए गए हैं.

By Sanjay Singh | December 7, 2023 1:04 PM
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Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में बंदरों की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल रही है. इसको लेकर अब लोगों ने नया तरीका ढूंढ निकाला है. मथुरा के लोगों ने बंदरों से निजात के लिए अपने घर के आसपास और गली में बंदूकधारी तैनात कर दिए हैं. इन बंदूकधारियों का काम बंदरों को मारना नहीं बल्कि उनको भगाना होगा. इसके लिए कई लोगों ने एयर गन लेकर बंदूकधारी तैनात किए हैं. मथुरा जिले में बंदरों के आतंक से लोग काफी ज्यादा परेशान हैं. इसको लेकर गली से कचहरी तक आंदोलन करते हुए लोगों ने जिलाधिकारी से लेकर प्रधानमंत्री तक समस्या को दूर करने की मांग को रखते हुए ज्ञापन दिए. लेकिन, कोई भी समाधान नहीं हुआ. आए दिन कहीं ना कहीं बंदरों की वजह से मथुरा के लोग व बाहर से आने वाले देश विदेश के श्रद्धालु घायल होते रहते हैं. कई बार तो बंदरों की वजह से बड़े हादसे हो गए, जिसमें कई लोगों की जान तक चली गई. लेकिन, स्थिति अब भी वही है और गली कूचों में बंदरों का आतंक देखने को मिलता है.

बंदरों को भगाने का अभियान शुरू

ऐसे में कोई भी मदद नहीं मिलने के बाद मथुरा के कई लोगों ने खुद से ही बंदरों से निजात पाने के लिए उपाय अपनाना शुरू कर दिए हैं. चौबिया पाड़ा स्थित गताश्रम टीला विकास समिति द्वारा क्षेत्र से बंदरों को भगाने का अभियान शुरू हो गया है. यहां गली कोकरान में बंदरों के हमले से बचने के लिए दो बंदूकधारी गार्ड तैनात किए गए हैं. यह गार्ड एयर गन लेकर दिनभर गली में घूमते रहते हैं, जिससे बंदर गली से निकलने वाले किसी बच्चे बुजुर्ग महिला या व्यक्ति पर हमला न कर सके.

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बंदरों के हमले में आए दिन लोग हो रहे घायल

मथुरा में बंदरों से निजात पाने के लिए तैनात किए गए गार्ड आनंद चतुर्वेदी ने बताया कि बंदरों ने बच्चों को घायल कर दिया. कई लोग छत से गिर गए. महिलाएं सब्जी लेकर आ रही है तो बंदर उनसे सब्जी छीन लेते हैं. कपड़े ले जाते हैं. और बैग में से रुपए भी ले लेते हैं. इनका अत्याचार बहुत ज्यादा है. ऐसे में किसी भी बंदर को मारना नहीं है लेकिन उनको यहां से भगाना है.

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