रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने PM Modi की तारीफ की, कहा- हमेशा नई तकनीक पर करते हैं काम

इंडिया मोबाइल कांग्रेस कार्यक्रम के दौरान आकाश अंबानी ने प्रधानमंत्री मोदी को जियो की स्वदेशी तकनीक और उत्पादों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जियो ने भारत में लाखों घरों और व्यवसायों को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं देने का काम किया है.

By KumarVishwat Sen | October 27, 2023 12:49 PM

नई दिल्ली : रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन आकाश अंबानी ने शुक्रवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस के सातवें सम्मेलन के दौरान 1.4 अरब भारतीयों को जोड़ने के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी क्रांति का नेतृत्व करने और हमेशा नवीनतम तकनीक पर काम करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा कि हर जेनरेशन को एक ऐसे विजन की जरूरत होती है, जो उसे बड़ा काम करने की प्रेरणा देता हो. प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी पीढ़ी के लिए हमारे देश को विकसित भारत में बदलने के लिए एक महत्वाकांक्षी विजन दिया है.

जियो स्पेस फाइबर लॉन्च

इस कार्यक्रम के दौरान रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने भारत की पहली सैटेलाइट-आधारित गीगा फाइबर सेवाओं को भी पेश किया, जिसे जियो स्पेस फाइबर भी कहा जाता है. जियो स्पेस फाइबर अपने यूजर्स को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी. यह तकनीक पहले भारत के लिए कठिन थी.

रियायती कीमत पर उपलब्ध होगी फाइबर सेवाएं

इंडिया मोबाइल कांग्रेस कार्यक्रम के दौरान आकाश अंबानी ने प्रधानमंत्री मोदी को जियो की स्वदेशी तकनीक और उत्पादों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जियो ने भारत में लाखों घरों और व्यवसायों को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं देने का काम किया है. जियो स्पेस फाइबर के साथ हम उन लाखों लोगों को कवर करने के लिए अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं और इस पर लगातार काम जारी है. कंपनी के मुताबिक, अपनी तरह की अनूठी सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा पूरे देश में बेहद किफायती कीमत पर उपलब्ध होगी.

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पीएम मोदी ने 5जी लैब का किया उद्घाटन

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 100 5जी लैब का भी उद्घाटन किया. इसमें देशभर के ज्यादातर जाने-माने इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं. सरकार की ओर से जारी किए गए एक बयान के अनुसार, 5जी के विस्तार, आगामी 6जी की तैयारी, प्रसारण, ड्रोन डिवाइस निर्माण, सेमीकंडक्टर उत्पादन और टिकाऊ प्रौद्योगिकी पर स्पष्ट ध्यान देने के साथ यह आयोजन तकनीकी प्रगति की अत्याधुनिक खोज के लिए तैयार है. आयोजन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) भी प्रमुख विषयों में से एक होगी.

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जियो स्पेस फाइब से जुड़े चार सबसे दुर्गम स्थान

सरकार की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, भारत के चार सबसे दूरस्थ स्थान जियो स्पेस फाइबर से जुड़ चुके हैं. इनमें गुजरात का गिर राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़ का कोरबा, ओड़िशा का नबरंगपुर और असम का ओएनजीसी-जोरहाट शामिल है. रिलायंस जियो के जियो स्पेस फाइबर से दूरदराज के इलाकों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एसईएस कंपनी के उपग्रहों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मतलब यह कि जियो स्पेस फाइबर से अब कहीं भी और कभी भी विश्वसनीय मल्टी-गीगाबिट कनेक्टिविटी मिलेगी. चुनौती भरे इलाकों में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं को पहुंचाने के लिए जियो स्पेस फाइबर नवोन्मेषी और उन्नत एनजीएसओ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेगा.

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