World Boxing Championships: अपनी निजी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना करने वाले आकाश कुमार (54 किग्रा) ने एआईबीए विश्व पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप में मंगलवार को यहां वेनेजुएला के पूर्व ओलंपिक रजत पदक विजेता योएल फिनोल रिवास पर शानदार जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंच कर भारत का पहला पदक पक्का किया. मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन, 21 साल के इस मुक्केबाज ने विरोधी खिलाड़ी को शानदार पंच जड़ने के साथ दमदार जज्बा दिखाते हुए 5-0 की उत्कृष्ट जीत दर्ज की. नरेंदर बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) और एशियाई चैंपियनशिप के पांच बार के पदक विजेता शिव थापा (63.5 किग्रा) प्रतियोगिता से बाहर हो गये.
बेरवाल को अजरबेजान के मोहम्मद अब्दुल्लायेव ने आसानी से 5-0 से हराया जबकि शिव को तुर्की के 19 साल के केरेम ओजमैन ने क्वार्टर फाइनल में इसी अंतर से मात दी. शिव विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाला पहला भारतीय मुक्केबाज बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे थे. उन्होंने 2015 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. बेखौफ होकर रिंग में उतरे सेना के मुक्केबाज आकाश ने ने वेनेजुएला के खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया. उन्होंने अपनी फुर्ती और तेजतर्रार मुक्कों से रिवास को आश्चर्यचकित कर दिया. आकाश ने मुकाबले के बाद कहा कि मेरी रणनीति शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाने की थी. मैंने हमलावर तेवर अपनाये और पहले राउंड में बढ़त बनायी. दूसरे राउंड में मैंने अच्छा बचाव भी किया.
पुणे स्थित सेना खेल संस्थान से राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले आकाश की मां का सितंबर में फेफड़े के कैंसर से निधन हो गया था. जब उनकी मां का निधन हुआ , उस समय वह राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में चुनौती पेश कर रहे थे और उन्हें टूर्नामेंट खत्म होने के बाद इसकी जानकारी दी गयी. उनके पिता की मृत्यु एक दशक से भी अधिक समय पहले हुई है जबकि उनका छोटा भाई 2017 से हत्या के मामले में जेल में है. आकाश ने कहा कि मैं यह पदक अपनी स्वर्गीय मां और पिताजी तथा अपने प्रशिक्षकों को समर्पित करता हूं. मैं पहली बार इस तरह के बड़े टूर्नामेंट में खेल रहा हूं और मुझे गर्व है कि मैंने इसमें अच्छा प्रदर्शन किया.
आकाश मंगलवार को विश्व चैंपियनशिप पदक हासिल करने वाले सातवें भारतीय पुरुष मुक्केबाज बने. इससे उन्होंने अपने लिये कम से कम 25 हजार डॉलर की पुरस्कार राशि भी अपने नाम पर पक्की की. रिवास ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक जीता था लेकिन डोपिंग के एक मामले के बाद उन्हें बाद में रजत पदक दिया गया था. फाइनल में पहुंचने के लिए आकाश को 19 साल के मखमुद सबिरखान से भिड़ना होगा. कजाकिस्तान का यह मुक्केबाज युवा स्तर पर तीन बार एशियाई स्वर्ण पदक विजेता रहा है.