पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट उतारने को लेकर भले ही शिवसेना और अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) की पार्टी ने ममता बनर्जी को राहत दी हो, लेकिन चुनाव के कारण संसद स्थगित करने की मांग के मामले मे दोनों पार्टियों ने तृणमूल को झटका दिया है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने मांग की थी कि लोकसभा और राज्यसभा के सत्र को चुनाव के मद्देनजर स्थगित किया जाए, जिसका समर्थन न तो शिवसेना ने किया है और ना ही सपा ने.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन के प्रस्ताव को सपा नेता रामगोपाल यादव और नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और शिवसेना (Shiv Sena) ने ठुकरा दिया है. तीनों दलों ने कहा कि इस तरह मांग सबके हित में नहीं है. चुनाव से पहले ममता की पार्टी के लिए विपक्षी पार्टियों की ओर से एक झटका के रूप में देखा जा रहा है.
सपा नेता रामगोपाल यादव ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि इस तरह की मांग जायज नहीं है. कल किसी अन्य राज्यों में भी चुनाव होगा तो क्या सदन स्थगित कर देना चाहिए. वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इसपर अंतिम फैसला चेयरमैन ही लेंगे.
टीएमसी ने की थी ये मांग– तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पत्र लिखकर सदन को स्थगित करने की मांग की थी. डेरेक ने इसके लिए 2011 और 2008 के चुनाव का हवाला दिया है. डेरेक ने अपनी मांग में कहा है कि चुनाव के समय सांसद अपने क्षेत्र में रहेंगे, जिसकी वजह से संसद में नहीं आ पाएंगे.
Posted By : Avinish kumar mishra