Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने नोएडा के दादरी थाने में अखिलेश यादव के खिलाफ दर्ज अपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है. फरवरी 2022 में अखिलेश यादव समेत अन्य के खिलाफ इस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. हाईकोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह ने निचली अदालत में चल रही क्रिमिनल प्रोसीडिंग पर रोक लगा दी है. अखिलेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी.प्रकरण के मुताबिक आरोप है कि 3 फरवरी, 2022 को अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ चुनाव प्रचार के लिए जुलूस निकाला था. इसमें कोविड-19 के तहत जारी शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया, जिससे महामारी बढ़ाने का खतरा उत्पन्न हुआ. इसके अलावा आदर्श चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया. इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई.
अखिलेश यादव ने विगत 29 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में निचली अदालत में चल रही प्रोसिडिंग्स और चार्जशीट रद्द किए जाने की मांग की गई है. ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में सपा मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत 14 नामजद और 300-400 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. यह एफआईआर दादरी थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार की ओर से दर्ज कराई गई थी. इसमें आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 के साथ ही महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 और 4 के तहत केस दर्ज किया गया था. ये घटना 3 फरवरी 2022 की है. जिसके बाद गौतम बुद्ध नगर के दादरी थाने में अगले दिन ही इनके एफआईआर दर्ज की गई थी. अब हाइकोर्ट से सपा अध्यक्ष को राहत मिली है.
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इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से जवाब तलब किया है, कोर्ट ने सरकार को अपना जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. वहीं अखिलेश यादव के वकीलों को इसके दो हफ्ते बाद काउंटर एफिडेविट देना होगा. इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को की जाएगी. कोर्ट में वकील के तौर पर अखिलेश की तरफ से इमरान उल्ला खां, विनीत विक्रम और मोहम्मद खालिद पेश हुए. वहीं जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. दोनों वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद अखिलेश के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे पर 22 जनवरी तक रोक लग गई है.