Gorakhpur : समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को गोरखपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे. जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया. यहां उन्होंने पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी और पूर्व विधायक शारदा देवी के पति स्व. रामलखन पासवान को श्रद्धाजंलि अर्पित की. एयरपोर्ट से निकलने के बाद वह मालवीव नगर स्थित पूर्व विधायक शारदा देवी के घर पहुंचे.
यहां उन्होंने उनके दिवंगत पति रामलखन पासवान को श्रद्धाजंलि अर्पित की. साथ ही परिवार के लोगों से मिलकर अपनी संवदेनाएं व्यक्त करते हुए ढांढ़स बंधावाया. उन्होंने कहा, शारदा देवी हमेशा जनता के लिए लड़ाई लड़ती रहीं. चाहे सरकार रही हो या नहीं, लेकिन वे हमेशा जनता के लिए संघर्ष करती हुई नजर आईं. इसके बाद परिवार के लोगों से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की और उनका ढाढस बढ़ाया. इससे पहले अखिलेश मीडिया से मुखातिब थे.
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. अखिलेश यादव ने कहा, छह साल से गोरखपुर में कुछ भी नहीं बदला. न यहां की सड़कें ठीक हुई और न ही नालियां. आज भी यहां की पब्लिक को बारिश के दिनों में जलभराव झेलना पड़ता है तो सड़कों पर निकलने पर ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है.
भाजपा पुलिस और प्रशासन के बल पर चुनाव तो जीत सकती है लेकिन, विकास नहीं कर सकती. भाजपा सिर्फ जनता से झूठ बोलती हैं और अपने तमाम झूठ को छिपाने के लिए भाजपा अब नए इवेंट चला रही है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार और अधिकारी मिलकर आजम खान को फंसा रहे हैं. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जो गठबंधन है, वह आगे भी जारी रहेगा. उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हराने का संकल्प समाजवादी पार्टी पूरा करेगी.
यहां से अखिलेश यादव सीधा बड़हलगंज के टांडा स्थित स्थित पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के गांव पहुंचे. उन्होंने पूर्व मंत्री के बेटे और सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी और बड़े बेटे और पूर्व सांसद कुशल तिवारी व पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय से मुलाकात कर अपनी संवदेनाएं व्यक्त की. साथ ही सपा मुखिया ने पूर्व मंत्री के चित्र पर पुष्पाजंलि कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की.
अखिलेश यादव ने कहा कि दिवंगत हरिशंकर तिवारी जन-जन के नेता रहे हैं. उस समय लोग संघर्ष करके राजनीति करते थे. आजादी के बाद जो नए तरीके की राजनीति शुरू हुई. जहां जनता को लेकर संघर्ष करना, उसके साथ चलने और न्याय के लिए खड़ा रहने वाले उस पीढ़ी के नेता रहे हैं. वे कई बार मंत्री रहे. कई पार्टियों के साथ उन्होंने काम किया. उनकी एक अपनी छवि रही है. उस छवि को बनाने के लिए उन्हें कई दशकों संघर्ष करना पड़ा.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर
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