फिरोजाबाद महापंचायत में अखिलेश यादव बोले- सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा नजर आते हैं सांड
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फिरोजाबाद में महापंचायत में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा सांड नजर आते हैं. यह सरकार की नई भर्ती है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव रविवार को फिरोजाबाद में एटा रोड स्थित पाल, बघेल, धनगर समाज की महापंचायत में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा सांड नजर आते हैं. यह सरकार की नई भर्ती है. सरकार जाति जनगणना कराकर गरीबों को उनका अधिकार नहीं दिलाना चाहती. यह सरकार कभी भी अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी नया शुरू कर सकती है. उन्होंने कहा कि हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि राजनीतिक सम्मान दिलाने का काम करेंगे. इसके लिए कोई भी फैसला लेना पड़े समाजवादी लोग आपके साथ खड़े दिखाई देंगे. कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आपके इस कार्यक्रम से विरोधी लोगों की भी नींद उड़ गई है. विरोधी लोग जो कहते हैं “सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास आज के बाद उन्हें अब रात को नींद आने वाली नहीं है. लाल टोपी से भी ज्यादा यहां पीली टोपी नजर आ रही है. मैदान भरा हुआ है जिस समय पाल, बघेल, धनगर समाज समाजवादियों के साथ खड़ा हो जाएगा कोई भी समाजवादियों का मुकाबला नहीं कर पाएगा.
बाबा साहब ने आरक्षण देकर सम्मान देने का काम किया- अखिलेश
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि दिल्ली वाले कहते हैं कि किसान, नौजवान और अन्य लोग गरीब होते हैं. लेकिन जो जातियों के बारे में बात कर रहे हैं वह आपको और हमें धोखा दे रहे हैं. बाबा साहब डॉक्टर भीमराव ने आरक्षण देकर सम्मान देने का काम किया. मंडल कमीशन ने हमारी पिछड़ी जातियों को अधिकार दिलाने का काम किया. शिक्षा में जातिगत आरक्षण होना चाहिए. हमें आरक्षण जाति के आधार पर मिला है. 1931 के बाद जातिगत जनगणना नहीं हुई. हम जातिगत जनगणना की मांग करते हैं. पूरे देश में जातिगत जनगणना के पक्ष में लोग आ रहे हैं. पाल, बघेल, धनगर समाज भी जाति के आधार पर जनगणना में सहयोग दें. प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते थे कि पहले यादव जाति के लोगों को नौकरी मिलती थी. जातिगत जनगणना के लिए हमें लड़ना पड़ेगा.
सपा सरकार में मेरिट के आधार पर पुलिस भर्ती की गई थी- अखिलेश
अखिलेश यादव ने बताया कि यह सरकार कभी भी अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी नया शुरू कर सकती है. सपा सरकार में मेरिट के आधार पर पुलिस भर्ती की गई थी. इसका उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को जल्दी करना था. भर्ती पूरी हो गई उसे कोर्ट में ले गए फिर वहां उलझा दिया. 1700 नौजवानों की नौकरी चली गई. बीजेपी के लोग प्राइवेट हाथों में सरकारी विभागों को देते जा रहे हैं. सरकारी संस्थाएं खत्म कर दी है, सरकारी संस्थाएं बिक जाएगी तो सरकारी नौकरी कहां से आएगी. बीजेपी सरकार कहती है कि हमने सबको नौकरी दे दी. वह कहते हैं कि हमने करोड़ नौकरी दे दी है.