PM मोदी से अक्षय कुमार ने क्यों पूछा था ‘आम कैसे खाते हैं’ वाला सवाल?सेल्फी स्टार ने बतायी इसके पीछे की सच्चाई
अक्षय कुमार ने साल 2019 में पीएम मोदी का इंटरव्यू लिया था. इसमें एक्टर ने उनसे आम को लेकर सवाल किया था. उन्होंने पूछा था, आपको आम खाना पसंद है? आप आम चूसकर खाते हैं या काटकर खाते हैं? इस सवाल को लेकर वो काफी ट्रोल हुए थे.
बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार यानी अक्षय कुमार सुर्खियों में है. हो भी क्यों ना, आखिर उनकी फिल्म सेल्फी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. हालांकि मूवी को ठीक-ठाक रिस्पांस मिल रहा है. अक्षय क जादू नहीं चल पा रहा. इस बीच एक्टर ने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उनसे एक सवाल पूछा गया, जो उन्होंने साल 2019 में पीएम मोदी से पूछा था. इस सवाल को लेकर एक्टर काफी ट्रोल हुए थे. चलिए आपको बताते है वो क्या सवाल था.
अक्षय कुमार और पीएम मोदी
दरअसल, अक्षय कुमार ने साल 2019 में पीएम मोदी का इंटरव्यू लिया था. इसमें एक्टर ने उनसे आम को लेकर सवाल किया था. उन्होंने पूछा था, आपको आम खाना पसंद है? आप आम चूसकर खाते हैं या काटकर खाते हैं? इस सवाल को लेकर ट्रोल हुए अक्षय कुमार ने आज तक के सीधी बात में बात की. उन्होंने कहा, जब मैं उधर गया था, उस वक्त मैंगो का सीजन था, कुछ प्रश्न थे वो मैंने ऐसे ही पूछे. घड़ी ऐसे क्यों देखते हो, आपको आम कैसे पसंद हैं, आपको जो पैसे मिलते हैं अपनी मां को देते हो, जो प्रश्न एक नॉर्मल है.
अक्षय ने क्यों पूछा था आम वाला सवाल पीएम मोदी से?
अक्षय कुमार ने आगे कहा, मैं पूछना चाहता था कि एक सामान्य व्यक्ति उस व्यक्ति के बारे में क्या जानना चाहेगा जिसकी वे प्रशंसा करते है. मैंने ज्यादा नहीं सोचा. गर्मी का मौसम था, आम का मौसम था, इसलिए मैंने उससे इसके बारे में पूछा. मैंने जो भी महसूस किया, मैंने पूछा. ऐसे लोग थे जिन्होंने पूछा था मुझसे मैंने गुलाबी पैंट क्यों पहनी, मैंने उनसे पूछा कि क्या प्रधानमंत्री को यह रंग पसंद नहीं है.
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ऑनलाइन लीक हुई सेल्फी
सेल्फी रिलीज होने के कुछ घंटों बाद ही ऑनलाइन लीक हो गई है. कथित तौर पर, यह पाइरेसी दिग्गजों द्वारा ऑनलाइन लीक किया गया है और फिल्मीजिला, मूवीरुलेज आदि जैसी विभिन्न टोरेंट साइटों पर एचडी प्रिंट में मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. इस बीच, यह स्पष्ट है कि पायरेसी के खिलाफ कड़े कदम उठाने के बावजूद, पायरेसी पर अंकुश लगाने के मनोरंजन उद्योग के प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं.