Akshaya Tritiya 2021 Date & Time: अक्षय तृतीया के दिन ही पड़ रहा परशुराम जयंती, जानें तिथि, मां लक्ष्मी पूजा विधि, सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त, सूर्य गोचर समय व अन्य डिटेल
Akshaya Tritiya 2021 Date & Time, Kab Hai, Maa Laxmi Puja Vidhi, Gold Purchasing Shubh Muhurat, Parshuram Jayanti, Surya Gochar 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार हर वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाने की परंपरा होती है. इस बार यह तिथि विशेष संयोग के साथ 14 मई 2021, शुक्रवार को पड़ रहा है. इस दिन सूर्य वृषभ राशि में अपना ग्रह परिवर्तन करने वाले हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा की जाए स्वर्ण या अन्य कीमती वस्तु की खरीदारी की जाए तो बेहद लाभ होता है. आइये जानते हैं इस बार पड़ने वाले अक्षय तृतीया से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी जानकारियां...
मुख्य बातें
Akshaya Tritiya 2021 Date & Time, Kab Hai, Maa Laxmi Puja Vidhi, Gold Purchasing Shubh Muhurat, Parshuram Jayanti, Surya Gochar 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार हर वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाने की परंपरा होती है. इस बार यह तिथि विशेष संयोग के साथ 14 मई 2021, शुक्रवार को पड़ रहा है. इस दिन सूर्य वृषभ राशि में अपना ग्रह परिवर्तन करने वाले हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा की जाए स्वर्ण या अन्य कीमती वस्तु की खरीदारी की जाए तो बेहद लाभ होता है. आइये जानते हैं इस बार पड़ने वाले अक्षय तृतीया से जुड़ी सभी छोटी-बड़ी जानकारियां…
लाइव अपडेट
अक्षय तृतीया तिथि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया 14 मई, शुक्रवार को शुरू हो जाएगी.
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त आरंभ: सुबह 05 बजकर 38 मिनट से
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त समाप्त: दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
अक्षय तृतीया तिथि आरंभ व समाप्त
अक्षय तृतीया तिथि आरंभ: 14 मई 2021, शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 38 मिनट से
अक्षय तृतीया तिथि समाप्त: 15 मई 2021, सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर
अक्षय तृतीया पर दान करने के लाभ
अक्षय तृतीया पर दान करने से कई गुना पुण्य फल (अक्षय फल) जातक को वापस मिलता है
माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं
पितरों को प्रसन्न करें, सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ हुआ था अक्षय तृतीया से
अक्षय तृतीया का पर विधिपूर्वक पूजा करने से पितर प्रसन्न होते है. पितरों का आशीर्वाद मिलने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं. कहा जाता है कि सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ अक्षय तृतीया से ही हुआ था. साथ ही साथ द्वापर युग का समापन भी इसी तिथि को हुआ था.
14 मई 2021 का (अक्षय तृतीया का पंचांग) पंचांग
विक्रमी संवत्: 2078
मास अमांत: वैशाख
मास पूर्णिमांत: वैशाख
पक्ष: शुक्ल
दिन: शुक्रवार
तिथि: द्वितीया - 05 बजकर 40 मिनट 13 सेकेण्ड तक
नक्षत्र: रोहिणी - 05 बजकर 44 मिनट 58 सेकेण्ड तक
करण: कौलव - 05 बजकर 40 मिनट 13 सेकेण्ड तक, तैतिल - 18 बजकर 52 मिनट 42 सेकेण्ड तक
योग: सुकर्मा - 25 बजकर 44 मिनट 44 सेकेण्ड तक
सूर्योदय: 05 बजकर 31 मिनट 14 सेकेण्ड
सूर्यास्त: शाम, 19 बजकर 03 मिनट 57 सेकेण्ड
चन्द्रमा: वृषभ राशि- 19 बजकर 13 मिनट 52 सेकेण्ड तक
राहुकाल: 110:36:00 से 12:17:35 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
शुभ मुहूर्त का समय - अभिजीत मुहूर्त: 11:50:30 से 12:44:41 तक
दिशा शूल: पश्चिम
अशुभ मुहूर्त का समय -
दुष्टमुहूर्त: 08:13:47 से 09:07:58 तक, 12:44:41 से 13:38:52 तक
कुलिक: 08:13:47 से 09:07:58 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 15:27:13 से 16:21:24 तक
यमघण्ट: 17:15:35 से 18:09:46 तक
कंटक: 13:38:52 से 14:33:03 तक
यमगण्ड: 15:40:46 से 17:22:21 तक
गुलिक काल: 07:12:50 से 08:54:25 तक