Akshaya Tritiya 2022 Maa Laxmi Upay: अक्षय तृतीया के दिन करें ये उपाय, दूर हो जाएगी आर्थिक तंगी

Akshaya Tritiya 2022: 3 मई 2022, मंगलवार को सुबह 05:19 बजे से तृतीया तिथि शुरू होगी और 04 मई की सुबह 07:33 बजे तक रहेगी. इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा. हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को एक शुभ मुहूर्त और महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2022 8:24 AM

Akshaya Tritiya 2022: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को एक शुभ मुहूर्त और महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है. अक्षय तृतीया के त्योहार को आखा तीज कहा जाता है. हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है. इस तिथि पर सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य किया जा सकता है. अक्षय तृतीया के दिन खरीदारी करना बेहद शुभ होता है. इस बार यह त्योहार 3 मई को है.

अक्षय तृतीया 2022 शुभ मुहूर्त

3 मई 2022, मंगलवार को सुबह 05:19 बजे से तृतीया तिथि शुरू होगी और 04 मई की सुबह 07:33 बजे तक रहेगी. इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा. रोहिणी नक्षत्र सुबह 12:34 बजे से 04 मई के तड़के 03:18 बजे तक रहेगा. शादी-विवाह, गृहप्रवेश, जनेऊ संस्‍कार समेत किसी भी नए कार्य को करने के लिए अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है. यानी कि इस दिन बिना मुहूर्त निकाले भी शुभ काम किए जा सकते हैं.

अक्षय तृतीया पर पूजा मंत्र

ऊँ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।

आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही, भगवान सुंदरेसा (भगवान शिव का दूसरा जन्म) से देवी माधुरी ने विवाह किया था. इसलिए ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन शादी करने वाले जोड़ों का साथ अटूट होता है.

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