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Akshaya Tritiya 2022: कल है अक्षय तृतीया, न करें ये गलतियां, होगा बड़ा नुकसान

Akshaya Tritiya 2022 date time shubh muhurat: अक्षय तृतीया को बहुत शुभ दिन माना गया है. इस बार ये दिन 3 मई 2022 को पड़ रहा है.

Akshaya Tritiya 2022 date time shubh muhurat: इस वर्ष अक्षय तृतीया 3 मई को भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करके मनाई जाएगी. जैसा कि धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख किया गया है, अक्षय तृतीया को नया व्यवसाय शुरू करने या परिवार में समृद्धि और भाग्य लाने वाली कोई चीज खरीदने के लिए वर्ष का सबसे अच्छा दिन माना जाता है.

अक्षय तृतीया का मुहूर्त (Akshay Tritiya Shubh Muhurat)

अक्षय तृतीया तिथि (Akshay Tritiya Date): 3 मई 2022, मंगलवार

पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat): 06:05 सुबह से 12:37 रात (IST)

सोना खरीदने का मुहूर्त (Gold Purchasing Muhurat:): 05:18 पूर्वाह्न से 06:05 पूर्वाह्न (IST)

साल का सबसे शुभ दिन

वैदिक ज्योतिष में, तीन चंद्र चरणों को वर्ष का सबसे शुभ काल माना जाता है. इन तीन चंद्र चरणों में पहला चैत्र शुक्ल प्रदीप्त (चैत्र के महीने में चंद्रमा के उज्ज्वल आधे की पहली तिथि), दूसरा विजया दशमी, और तीसरा अक्षय तृतीया है. इन तीन दिनों को ‘पूर्ण’ शुभ मुहूर्त माना जाता है, जबकि कार्तिक शुक्ल प्रदीप्त (कार्तिक में चंद्रमा के उज्ज्वल आधे की पहली तिथि) को ‘आधा’ माना जाता है. इन तीनों को मिलाकर ‘साढ़े तीन मुहूर्त’ (साढ़े तीन मुहूर्त) कहा जाता है.

अक्षय तृतीया के दिन न करें ये काम

अक्षय तृतीया को बहुत शुभ दिन माना गया है इसलिए इस दिन ऐसे कोई काम नहीं करने चाहिए, जो अशुभ माने गए हैं.

– अक्षय तृतीया के दिन खाली हाथ घर न आएं. कुछ न कुछ खरीदी अवश्‍य करें. यदि सोना-चांदी नहीं खरीद सकें तो निराश होने की जरूरत नहीं है. इस दिन जौ, मिट्टी के बर्तन, पीतल आदि भी खरीद सकते हैं. इनकी खरीदी भी बहुत शुभ मानी गई है.

– अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पूजा में भगवान विष्‍णु को तुलसी अर्पित करें लेकिन ध्‍यान रखें कि तुलसी को ना तो नाखूनों से तोड़ें और ना ही बिना नहाए छुएं. तुसकी को हमेशा उंगली के पोरों से तोड़ना चाहिए.

– अक्षय तृतीया के दिन कभी भी मां लक्ष्‍मी और भगवान विष्‍णु की अलग-अलग पूजा करने की गलती न करें. हमेशा उनकी एक साथ पूजा करें. वरना इनकी नाराजगी जिंदगी को तबाह कर सकती है.

– अक्षय तृतीया के दिन घर के किसी भी हिस्‍से में अंधेरा न रहने दें और ना ही गंदगी रहने दें. इस दिन घर को साफ करके हर जगह रोशनी करें. तुलसी कोट में दीपक जरूर लगाएं. इसके अलावा शाम को मुख्‍य द्वार पर घी का दीपक भी जलाएं.

– अक्षय तृतीया के दिन तामसिक भोजन न करें, ब्रह्मचर्य का पालन करें. ना ही किसी के लिए मन में बुरे विचार लाएं.

अक्षय तृतीया पर पूजा मंत्र

ऊँ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।

आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

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