Akshay Tritiya 2023 Date: अक्षय तृतीया 22 या 23 अप्रैल को, यहां जानें सही डेट शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Akshay Tritiya 2023 Date: इस साल अक्षय तृतीया की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया की सही तारीख, मुहूर्त.
Akshay Tritiya 2023 Date: अक्षय तृतीया पर त्रैतायुग का आरंभ हुआ था, अक्षय तृतीया पर विष्णु अवतार भगवान परशुराम जी और दशमहाविद्या में नवम देवी भगवती राजराजेश्वरी मातंगी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल अक्षय तृतीया की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया की सही तारीख, मुहूर्त.
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त (Akshay Tritiya 2023 Shubh Muhurat)
अक्षय तृतीया के दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त के कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है. लेकिन इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहने वाला है.
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त 22 और 23 अप्रैल दोनों दिन
द्रिक पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने के पांच अलग-अलग मुहूर्त हैं.
प्रात: मुहूर्त (शुभ) – 07:49 AM से 09:23 AM
दोपहर मुहूर्त (चर, लाभ, अमृता) – दोपहर 12:33 से 05:18 बजे तक
संध्या मुहूर्त (लाभ) – 06:53 PM से 08:18 PM तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृता, चर) – 09:43 PM से 01:58 AM, अप्रैल 23
प्रात:काल मुहूर्त (लाभ) – 04:48 AM से 06:13 AM, अप्रैल 23
आप रविवार, 23 अप्रैल को भी सोना खरीद सकते हैं और इस दिन 01 घंटा 34 मिनट का समय है जब आप सोने में निवेश कर सकते हैं. 23 अप्रैल रविवार को सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा.
अक्षय तृतीया का विशेष महत्व
अक्षय तृतीया का पर्व मुख्य रूप से सौभाग्य के लिए जाना जाता है. इस दिन का महत्व सुंदर और सफलतम वैवाहिक जीवन के लिए सबसे अधिक माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या दान करने का महत्व है. इस दिन जितना भी दान करते हैं उसका चार गुना फल प्राप्त होता है. इस दिन किए गए कार्य का पुण्य कभी क्षय नहीं होता. यही वजह है कि इस दिन पुण्य प्राप्त करने का महत्व है.
इस दिन करें ये काम
विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं. इस दिन पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान अथवा अपने सामर्थ्य के अनुरूप किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है. इस दिन लोग श्रद्धा से गंगा स्नान भी करते हैं और भगवद् पूजन करते हैं. ताकि जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकें. कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अपने अपराधों की क्षमा मांगने पर भगवान क्षमा करते हैं और अपनी कृपा से निहाल करते हैं. अत: इस दिन अपने भीतर के दुर्गुणों को भगवान के चरणों में अर्पित करके अपने सद्गुणों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए.