आला हजरत उर्स: 3 रूट पर चलेंगी 285 अतिरिक्त बस, स्पेशल ट्रेन संचालन के लिये डीआरएम से मिला प्रतिनिधि मंडल
विश्वविख्याल आला हजरत उर्स का आगाज 10 सितंबर और समापन 12 सितंबर को कुल शरीफ के साथ होगा. इस उर्स में लाखों की संख्या में जायरीज पहुंचते हैं.
बरेली: आला हजरत इमाम अहमद रजा खां के 105 वें उर्स-ए-रजवी पर दुनिया भर से जायरीन शिरकत (शामिल होंगे) करेंगे. उर्स का आगाज 10 सितंबर से होगा. लेकिन उसका समापन 12 सितंबर को कुल शरीफ के साथ होगा. उर्स में शामिल होने वाले जायरीन को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसलिए रोडवेज ने 3 रूट पर 285 अतिरिक्त बस चलाने का फैसला लिया है.
सभी ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाने की मांग
दरगाह के एक प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को मुरादाबाद रेल मंडल के डीआरएम राजकुमार सिंह से मुलाकात की. उन्होंने दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) की ओर से पत्र सौंपा. जिसमें विश्व विख्यात उर्स-ए-रजवी में दुनिया भर से आने वाले जायरीन की बड़ी संख्या को लेकर स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अधिकांश जायरीन रेल मार्ग से बरेली आते हैं. इसलिये उनकी सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने, उर्स के दौरान बरेली से गुजरने वाली सभी अप डाउन ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने, उर्स स्थल पर टिकट विंडो खोली जाएं.
बेहतर व्यवस्था करेगा रेलवे: डीआरएम राजकुमार सिंह
बरेली के सभी स्टेशनों पर अतिरिक्त विंडो, साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था की मांग भी पत्र के माध्यम से की गयी है. मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि डीआरएम राजकुमार सिंह, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि उर्स में इस बार रेलवे पिछले साल से बेहतर व्यवस्था करेगा. प्रतिनिधि मंडल में हाजी जावेद खान, शाहिद खान नूरी, अजमल नूरी, नासिर कुरैशी, औरंगज़ेब नूरी, परवेज़ नूरी व ताहिर अली शामिल रहे.
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राशिद अली खां बने उर्स प्रभारी
उर्स-ए-रज़वी को अमन (शांति) के साथ संपन्न कराने के लिए दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने टीटीएस रजाकारों को अलग-अलग ज़िम्मेदारी सौंपी. देश-विदेश से आने वाले लाखों ज़ायरीन को सहूलियत मुहैया कराने के लिए सभी रज़ाकारों को दरगाह प्रमुख के दामाद सय्यद आसिफ मियां की निगरानी में अलग-अलग काम सौंप दिए गए हैं. उर्स प्रभारी राशिद अली खान को बनाया गया है.
उलेमा की टीम बनी
उलेमा की टीम में मुफ्ती आकिल रज़वी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती अय्यूब खान, मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, मुफ्ती अफ़रोज़ आलम, कारी अब्दुर्रहमान, मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम, मौलाना अख्तर, मुफ्ती मोइनउद्दीन, मुफ्ती सय्यद शाकिर अली, मुफ्ती जमील, मौलाना जाहिद रज़ा, मौलाना जिकरुल्लाह, मौलाना सय्यद शबाहत अली, कारी इकबाल, मौलाना बशीरुल क़ादरी की निगरानी में तीनों दिन के मजहबी कार्यक्रम आयोजित होंगे. इन्हीं की देखरेख में उलेमा की तकरीर होगी.
इनको भी मिली जिम्मेदारी
उर्स कमेटी में परवेज़ नूरी, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, औरंगजेब नूरी व ताहिर अल्वी,शान रज़ा प्रशानिक अधिकारी हाजी जावेद खान, नगर निगम की ज़िम्मेदारी मंजूर रज़ा, हाजी अब्बास नूरी, नईम नूरी बिजली व्यवस्था मोहसिन रज़ा,सबलू अल्वी, आरिफ नूरी को सौंपी गई है. मीडिया की ज़िम्मेदारी नासिर कुरैशी के अलावा संचार अशमीर रज़ा, हाजी अज़हर बेग, साकिब रज़ा, जोहिब रज़ा, पंडाल की व्यवस्था आसिफ रज़ा, इशरत नूरी, काशिफ सुब्हानी, सय्यद माजिद अली, सय्यद एजाज़ अली देखेंगे.
ट्रैफिक से लेकर स्टेज की व्यवस्था करने वालों की जिम्मेदारी तय
ट्रैफिक खलील क़ादरी व आलेनबी पार्किंग गजाली रज़ा, आदिल रज़ा, ग्याज रज़ा, मुस्तकीम नूरी, साजिद नूरी, रोमान रज़ा, रज़ा फोर्स युनुस गद्दी, इरशाद रज़ा,नफीस खान, मिर्जा जुनैद, जुनैद चिश्ती, ताहिर चिश्ती, अरबाज रज़ा, पूछताछ कार्यालय तारिक सईद, अब्दुल वाजिद खान, राहत अली, सय्यद असद अली, सरताज बाबा, कमाल आसिफ, फैजी रज़ा, शहजाद पहलवान, शेर मोहम्मद, पंडाल व्यवस्था में जावेद खान, समी खान, अजमल खान, आसिम हुसैन, शारिक बरकाती, आईटी हेड जुबैर रज़ा खान व सुहैल रज़ा और स्टेज की व्यवस्था सय्यद फैजान अली, फारूक खान, रफी रज़ा, हाजी शारिक नूरी, हाजी अल्लाह बक्श आदि संभालेंगे.
पाकिस्तान से नहीं आएंगे जायरीन
इस बार उर्स में भी पाकिस्तान से जायरीन शिरकत नहीं करेंगे.दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर न होने के कारण बीजा मिलने में दिक्कत हुई है. हालांकि, कुछ वर्ष पहले पाकिस्तान से जायरीन शिरकत करते थे.
ग्रांट मुफ्ती बोले, हर अकीदतमंद लगाए पौधे
ग्रांट मुफ्ती असजद रजा खां ने अकीदतमंदों से पेड़ लगाने का आह्वान किया.बोले,पौधे लगाने के साथ ही उनकी देखभाल करें.उन्होंने पर्यावरण के लिए पौधारोपण जरूरी बताया.इसके साथ ही उर्स के मंच से भी जायरीन से पौधरोपण का आह्वान किया जाएगा.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली