Exclusive: मुझे स्पेशल फील करवाने के लिए रणबीर कपूर बहुत कुछ करता है- आलिया भट्ट
बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की फिल्म डार्लिंग्स 5 अगस्त को रिलीज होने वाली है. फिल्म का दमदार ट्रेलर देखकर अब फैंस इसे देखने के लिए बेताब है. आलिया ने अपनी फिल्म, पति रणबीर कपूर के बारे में खुलकर बात की.
ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर जल्द ही फ़िल्म डार्लिंग्स दस्तक देने वाली है. पावरहाउस परफ़ॉर्मर आलिया भट्ट इस फ़िल्म की अभिनेत्री होने के साथ-साथ निर्मात्री भी हैं. यह उनके प्रोडक्शन हाउस इटरनल सनशाइन की पहली फ़िल्म है. उनकी इस फ़िल्म, करियर, प्रोडक्शन हाउस, मदरहुड पर उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
एक एक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर डार्लिंग्स फिल्म ने क्या चुनौतियां आपके सामने रखी थी?
चुनौतियां वहीं थी कि आप एक ऐसी कहानी कहना चाहते हैं,जहां ज़्यादा से ज़्यादा लोग आपसे कनेक्ट कर पाए. फ़िल्ममेकिंग की सबसे बड़ी चुनौती यही है कि आप ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से अपनी फिल्म से जोड़ना चाहते हैं तो निर्माता के तौर पर भी वही चुनौती थी. यह एक ब्लैक कॉमेडी फिल्म है.
प्रोड्यूसर बनने के बाद फ़िल्म मेकिंग के किसी खास विभाग में आपकी रुचि बढ़ी है?
एक कलाकार के तौर पर आप शॉट की सेटिंग पर ध्यान नहीं देते हैं. इसके पीछे क्या सोच है? क्या तैयारी है. वो सब आप जानना नहीं चाहते हैं. जब से मैं भी निर्माता बनी हूं, मैं उस सब में शामिल हुई हूं. स्क्रिप्टिंग स्टेज से ही मैं फ़िल्म से जुड़ गयी थी. जब हम महामारी के कारण घर पर थे ,तो हमें इस फिल्म में काम करने का मौका मिला था. इस वजह से मेरी राय हर डिपार्टमेंट में ली गयी थी. फिल्म के सेट पर जो भी क्रिएटिव माहौल होता है वह नहीं बदलता है. यह हर व्यक्ति के लिए समान है, चाहे वह अभिनेता हो या निर्माता, लेकिन जैसे ही फिल्म पूरी हुई, एक्टर के तौर पर मैं उस फिल्म से कट जाती हूं लेकिन एक निर्माता के रूप में मैं इस फ़िल्म से हमेशा शामिल रही थी.
इस फ़िल्म में शेफाली शाह के साथ काम करना कैसा रहा?
मैं उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूं. वह पर्दे पर इतनी सहज और स्वाभाविक हैं. वह किरदार में तुरंत आ जाती है. उनके साथ काम करने वाला एक बहुत बड़ा फैन गर्ल वाला पल था. ‘डार्लिंग्स’ में हमारी मां-बेटी की बॉन्डिंग इतनी अच्छी थी कि हम दोस्त की तरह थे. मैं उन्हें शेफ मतलब मास्टर शेफ कहती हूं. गंभीर दृश्यों में भी हम अलग -अलग तरह की बातें करने लगते थे।कई बार तो हम इतना हंसने लगते थे कि शूटिंग को बीच में रोकनी पड़ती थी.
डार्लिंग्स को शाहरुख खान की कम्पनी रेड चिलीज़ ने आपके साथ को प्रोड्यूस किया है?
हां, आमतौर पर रेड चिलीज़ को प्रोड्यूस नहीं करता है,लेकिन शाहरुख खान सर ने मुझे कहा कि वे मेरे लिए ऐसा करेंगे. उन्होंने फिल्म देख ली है और उन्हें वह बहुत पसंद भी आयी है.
बतौर प्रोड्यूसर अब आप किस तरह का सब्जेक्ट चुनेंगी? क्या हम आपकी बहन शाहीन की कहानियों को भी देखेंगे?
मैं हल्की-फुल्की कहानियां बताना चाहूंगी. मुझे अपनी बहन शाहीन के साथ सहयोग करना अच्छा लगेगा. शाहीन और मैं अपने प्रोडक्शन हाउस इटरनल सनशाइन को एकसाथ मिलकर आगे ले जा रहे हैं. वह पिछले कुछ महीनों में तीन से चार शानदार आइडियाज लेकर आयी है. हम सब मिलकर इसे डेवेलप कर रहे हैं. यह एक नया पहलू है, जो अब मेरे जीवन में जुड़ गया है. मैं एक अभिनेता के रूप में लगभग दस वर्षों से इंडस्ट्री में हूं. मैं अगले दस वर्षों के लिए अपनी एक्टिंग के साथ- प्रोडक्शन पर भी ध्यान देना चाहूंगी मैं अपने प्रोडक्शन हाउस को दूसरे स्तर पर ले जाने पर भी ध्यान दूंगी.
आपके पिता महेश भट्ट का कितना सपोर्ट है?
मैं उनसे बहुत सारी सलाह ले रही हूं और लेती रहूंगी. डार्लिंग्स फिल्म की भी मैंने उन्हें स्क्रिप्ट पढ़ने को दी थी,उनके पसंद आने के बाद ही मैं आगे बढ़ी थी. भट्ट फिल्म्स अपने म्यूजिक सेंस,सेंस ऑफ स्टोरी टेलिंग के लिए जाना जाता है तो मैं अपनी फिल्मों में भी वो सब लाने की कोशिश करूंगी. भट्ट कैंप युवा और नए टैलेंट को मौका देता रहा है. अपने प्रोडक्शन हाउस से ऐसे ही नए टैलेंट्स को लाने की कोशिश करूंगी. सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बल्कि राइटिंग में भी. मैं नए और युवा लेखकों की एक टीम बनाना चाहती हूं.
आपके जीवन में हाल ही में बहुत कुछ हुआ है, आपकी शादी हो गयी, आप माँ बनने जा रही हैं, आप एक निर्माता बन चुकी हैं और आपने हॉलीवुड फिल्म हार्ट ऑफ स्टोन की भी शूटिंग कर ली है,कैसे इन अनुभवों को परिभाषित करेंगी?
एक साल में बहुत सारी चीजें हो गयी और वो भी इतनी तेजी से. मैं बहुत आभारी हूं. मैं हर दिन को वैसे ही ले रही हूं,जैसे वह आता है. अभी मन में केवल स्वस्थ और खुश रहने पर ध्यान है. मैं वर्कहॉलिक हूं और काम किए बिना नहीं रह सकती हूं. लोग मुझे चिल करने को कह रहे हैं. आराम फरमाने की राय दे रहे हैं, लेकिन मुझे काम करना पसंद है. यह मेरे दिमाग और दिल को खुश रखता है और मैं नहीं चाहती कि इसमें बदलाव आए. मैं हर पल और हर दिन इस प्रक्रिया का आनंद ले रही हूं. मैं बहुत बिजी हूं, इसलिए मेरे पास बैठने और सोचने का समय नहीं है. शायद पांच साल बाद मैं पीछे मुड़कर देखूं और महसूस करूं कि हे भगवान 2022 में क्या क्या हुआ था, यह कैसे शुरू हुआ. यह मेरे जीवन का सबसे यादगार समय होगा.
जैसा कि आपने कहा कि खुद को खुश और हेल्थी रखना आपकी फिलहाल प्राथमिकता है,तो खानपान में कुछ विशेष फॉलो कर रही हैं?
किसी तरह की डाईट पर नहीं हूं. मैं बहुत ही हेल्थी हूं. वैसे मैं हमेशा हेल्थी ही खाना खाती हूं ,लेकिन इन दिनों खुद को रोक नहीं रही हूं. दही चाट,पानीपुरी जो भी खाने का मन हो रहा है. सबकुछ खा रही हूं.
आपकी मां और सासु मां आपका ज़रूर खास ख्याल रख रहीं होंगी?
खास खयाल कोई तभी रखेगा ना जब उनसे मिल पाऊंगी. मैं लगातार काम कर रही हूं. मैं लंदन में तीन महीने का शूटिंग शेड्यूल खत्म करके हाल ही में लौटी हूं. मैंने वहां पर दाल चावल को बहुत मिस किया,लेकिन कुछ दिनों बाद मैंने ऐसे किसी को वहां ढूंढ लिया था. जो मेरे लिए दाल चावल और पोहा बना सके. मुझे नाश्ते में पोहा बहुत पसंद आता है. वैसे मैंने ऑमलेट बनाना भी सीख लिया है.
आप लगातार शूट कर रही हैं,ऐसे में क्या आप अपने मदरहुड को एन्जॉय करने के लिए ब्रेक लेंगी?
ब्रह्मास्त्र की रिलीज के बाद शायद कुछ महीनों का मैं ब्रेक ले सकती हूं क्योंकि मेरी नयी फिल्में जो भी मैंने साइन की है. वो अगले साल शूटिंग फ्लोर पर जाएगी.
रणबीर कपूर आपकी देखभाल कैसे कर रहे हैं ?
वह पहले भी मेरा बहुत ख्याल रखता था और अब वह ज्यादा कर रहा है. अगर आपका ऐसा कहना चाहती हैं कि वह मेरे पैरों की मालिश नहीं करता है, तो वह नहीं करता है, लेकिन मुझे स्पेशल फील करवाने के लिए बहुत कुछ करता रहता है और अभी बहुत ज़्यादा करता है.
एक अभिनेता के रूप में रणबीर और अब एक पति के रूप में रणबीर को कैसे परिभाषित करेंगी?
वह अब मेरे पति हैं, लेकिन मेरे लिए वह वही इंसान हैं जिन्हें मैं इतने सालों से जानती हूं. शादी के बाद कोई खास बदलाव नहीं आया है. वह वही व्यक्ति ,है जो वह शादी से पहले और बाद में है. वह एक अभिनेता के रूप में और मेरे जीवन में एक व्यक्ति के रूप में सबसे प्यारे हैं. मेरे मन में उसके लिए बहुत सम्मान है. वह बेहतरीन को एक्टर हैं. वह सेट पर धैर्य से बैठते हैं. बहुत मिलनसार और स्पेस देने वाले हैं. उसके पास एक साइलेंट एनर्जी होती है, जो दूसरों तक पहुंचती है. एक पति के रूप में वह मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं.वह मेरा बहुत समर्थन करते हैं और मुझे हर समय हंसाते हैं. जब भी मैं रणबीर के साथ होती हूं तो मेरी सारी चिंताएं और तनाव गायब हो जाती हैं.
हॉलीवुड स्टार गैल गडोट के साथ फ़िल्म हार्ट ऑफ स्टोन की शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
बहुत बेहतरीन था. वह बहुत ही मेहनती और प्रोफेशनल अदाकारा हैं. वह बहुत बड़ी स्टार हैं ,लेकिन वह बहुत प्यारी है. उनके साथ पूरे क्रू ने मेरा बहुत खयाल रखा. फ़िल्म दो महीने में ही पूरी हो गयी. ऐसा लग रहा था कि बुलेट की स्पीड में सारा काम हो रहा है.
हॉलीवुड में काम करते हुए आपने दोनों इंडस्ट्रीज में क्या अलग पाया?
मुझे लगता है कि आप किसी भी इंडस्ट्री में काम करें. हर फिल्म का सेट एक जैसा ही होता है. एक जो फर्क मैंने पाया,वो ये कि वहां पर दस घंटे नॉन स्टॉप शूटिंग होती है. हमारे यहां 12 घंटे का शूटिंग शेड्यूल होता है. जिसमें एक घंटे का लंच ब्रेक होता है. हॉलीवुड में शूटिंग के दौरान कुछ मिनटों में ही आपको अपना लंच खत्म करना पड़ता है. कुलमिलाकर पूरे 10 घंटे आपको अलर्ट मोड में रहना पड़ता है जबकि हमारे यहां एक घंटे के लंच ब्रेक के बाद भी चीज़ें रफ्तार के साथ शुरू नहीं होती है,एनर्जी का थोड़ा लेवल लो ही रहता है. लंच ब्रेक के बाद धीरे-धीरे काम शुरू होता है. मैं चाहती हूं कि हॉलीवुड की तरह यहां भी शुरू हो जाए, लेकिन मैं ये भी जानती हूं कि ये मुश्किल है.
एक्टर के तौर हॉलीवुड की फ़िल्म से जुड़ा मुश्किल पहलू क्या रहा ?
अपने संवादों को अंग्रेज़ी में बोलना. मैं अपनी हिंदी फिल्मों के सेट पर किसी सीन को दिमाग में भले ही. अंग्रेज़ी में सोचती हूं,लेकिन जब एक्शन बोला जाता है,तो मैं संवाद हिंदी में बोलती हूं. वहां पर डायलॉग को अंग्रेज़ी में बोलने में शुरुआत के एक-दो दिन थोड़ा अजीब लगा था,लेकिन फिर आदत हो गयी. हॉलीवुड फिल्म में भी मैं भारतीय किरदार ही निभा रही हूं.
क्या हम आरआरआर के बाद आपको साउथ की फिल्मों में फिर से देखेंगे?
क्यों नहीं,मुझे लगता है कि साउथ की फिल्में और ये सब अब हमें कहना बन्द कर देना चाहिए. सभी भारतीय फिल्में हैं. हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री को बॉलीवुड के रूप में संबोधित किया. मैंने उन्हें सही करते हुए कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री है. और मैं दुनिया के सामने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व कर रही हूं. हमारे देश में 22 भाषाएं हैं और हम दुनिया के किसी भी अन्य फ़िल्म इंडस्ट्रीज की तुलना में इतनी अधिक भाषाओं में फिल्में बना रहे हैं.